एम एस धोनी की अपार सफ़लता का एक कारण उनका एक क्रिकेटर के तौर पर उनका Evolution भी है. मसलन अपने करियर के शुरूआती दौर में अपने गगनचुंबी हेलीकॉप्टर छक्कों के लिए मशहूर धोनी, अपने करियर के दूसरे पड़ाव में संयम बरतते हुए रन लेने के माहिर हो चुके हैं. धोनी अगर विपक्षी गेंदबाज़ी को तहस-नहस न भी कर पा रहे हों तब भी अपनी बला की तेज़ी से रन चुराने की क्षमता के चलते वो विरोधी टीम को दबाव में रखते हैं. 30-32 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से विकेटों के बीच दौड़ने वाले धोनी दुनिया के सबसे तेज़ी से रन चुराने वाले खिलाड़ियों में गिने जाते हैं.
हाल ही में स्टार स्पोर्ट्स की एक वीडियो में एम एस की विकेटों के बीच दौड़ने की तकनीक पर फ़ोकस किया गया. वीडियो से साफ़ जाहिर था कि नाज़ुक समय पर धोनी की भागने की गति 32 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाती है यानि 36 साल की उम्र में भी धोनी एक नेशनल स्तर के स्प्रिंटर के लगभग दौड़ लगाने की क्षमता रखते हैं. गौरतलब है कि एक हिरण 60 किमी प्रति घंटा वहीं चीता 100-120 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकता है.
धोनी ने अपनी उपलब्धि को इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया.
2019 विश्व कप की तैयारियों में जुटी भारतीय टीम सबसे ज़्यादा तवज्जो फ़िटनेस को दे रही है, ऐसे में माही से कई युवा खिलाड़ी प्रेरणा ले सकते हैं.
असली बुलेट ट्रेन तो इधर है : 36 की उम्र में भी विकेटों के बीच तूफ़ानी रफ़्तार से भाग रहे हैं धोनी