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बगीचे के नीम पेड़ पर चढ़ा सांप

14 जून 2022

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आज शाम जैसे ही ऑफिस से घर पहुँची तो मोहल्ले में बड़ा हो-हल्ला मचा था। मोहल्ले के कुछ लोग अपनी बालकनी तो कुछ छत से हमारे बग़ीचे के नीम के पेड़ को किसी अजूबे की तरह उचक-उचक कर देखते हुए शोरगुल कर रहे थे। उनके साथ ही नीम के पेड़ पर इधर-उधर बड़ी बैचनी से गिलहरी और बुलबुल भी जोर-जोर से शोर मचाने में लगी हुई थी।  मैंने जब इस बारे में बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी कुछ देर पहले ही नीम के पेड़ पर मोहल्ले के  कुछ लोगों ने सांप चढ़ते हुए देखा था। इसलिए वे लोग डरते हुए ऊपर से हमें बता रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक सांप दिखा नहीं।  मैंने इनके साथ मिलकर एक लम्बा डंडा लिया और नीम की एक टहनी को खींचते हुए हिलाया-डुलाया। क्योँकि मुझे आशंका थी कि हो न हो सांप नीम के पेड़ पर बुलबुल के घोंसले से अंडे खाने चढ़ा हो।  तभी  तो बुलबुल बड़ी कर्कश स्वर में बेचैन होकर अपने घोंसले के इधर-उधर उड़ती फिर रही है। जब अच्छी तरह सांप बुलबुल के घोंसले के पास हमें नज़र नहीं आया तो मैंने इनसे कहा कि वे बुलबुल के घोंसले से थोड़ी दूरी पर गिलहरियों के घोंसले के पास डंडा ले जाकर उसे हिलाये, क्योंकि एक संभावना यह बनी कि कहीं सांप गिलहरियों के घोंसले में जाकर छुपकर बैठ गया हो।  थोड़ी देर प्रयास करने के बाद सच में जैसे ही दो-चार बार डंडे से हमने गिलहरियों के घोंसले को हिलाया तो उससे एक पतला किंतु लम्बा सांप निकलकर टहनियों से होता हुआ टप से नीचे गिरकर सरपट बाड़ी की ओर भाग खड़ा हुआ। सांप को भागते देख हमारे साथ ही मोहल्ले के लोगों और बुलबुल व गिलहरियों ने भी राहत की साँस ली। गनीमत रही कि गिलहरियां अभी अपना पूरा घोंसला नहीं बना पाए थे जिससे उनमें उनके बच्चे नहीं थे, वर्ना वे आज उन्हें बचा पाते कि नहीं कुछ नहीं कहा जा सकता था।

मैंने अक्सर देखा है कि जैसे ही गर्मियों के बाद पहली बरसात होती हैं तो जमीन के अंदर से गर्मी के भभके बाहर निकलने लगते हैं और इसके साथ ही जमीन के अंदर छिपे सांप भी उस भभके से बेचैन होकर बाहर निकल आते हैं। इंसान की तरह ही कोई भी जीव हो जब तक उसे कोई सुरक्षित स्थान नहीं मिल जाता, तब तक वह इधर-उधर मारा-मारा फिरता रहता है।  ऐसे ही सांप भी उनके बिल में पानी भरे उससे पहले  अपने लिए सुरक्षित स्थान तलाशने निकलता है तो हम इंसान उससे और वह बेचारा हमारे डर के मारे भागने लगता है। हमारे बग़ीचे में सांप आते-जाते रहते हैं इसलिए बच्चे भी अब उनसे घबराते नहीं, बल्कि सावधान रहते हैं। एकदम से जब कभी बग़ीचे में कोई बड़ा सांप नज़र आता है तो मन थोड़ा जरूर घबरा जाता है लेकिन इसके साथ ही एक अच्छी बात यह है कि उनके रहते हुए कुछ दिन चूहों के आतंक से राहत मिल जाती हैं तथा बग़ीचा ऊबड़-खाबड़ होने से बचा रहता है और पेड़-पौधे सही सलामत रह पाते हैं।

फिलहाल आज के लिए इतना ही, फिर मिलती हूँ बाग़-बगीचे की कुछ नयी खास खबर के साथ ...................

Papiya

Papiya

आप बिल्कुल सही कह रही हैं बारिश के बाद यकायक इस तरह की घटनाएं कई बार देखने को मिलती है

14 जून 2022

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रचनाएँ
बाग़-बगीचे की बातें (दैनन्दिनी-जून, 2022)
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जून माह की दैनन्दिनी में मैं केवल आपसे बाग़-बगीचे की बातें करूँगी। इस माह 5 तारीख को विश्व पर्यावरण दिवस भी आता है, तो मैंने सोचा क्यों न इस माह प्रकृति से अपने जुड़ाव की बातें साझा करती चलूँ। प्रकृति की गोद में मुझे बड़ा सुकून मिलता है, इसीलिए मैंने अपने घर के पास एक ऐसा छोटा सा बाग़-बगीचा बनाया हैं, जहाँ कुछ छोटे-बड़े अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और थोड़ी-बहुत ताज़ी साग-सब्जी भी उगा लेती हूँ। इस दैनन्दिनी में आप मेरे इसी बाग़-बगीचे में उगे पेड़-पौधों की बारे में जानिए और मेरे साथ-साथ चलते रहिए।
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बाग़-बगीचे की दुनिया की सैर

4 जून 2022
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आज जून माह की ४ तारीख हो गयी हैं।  इन चार दिन में सोच रही थी कि इस माह की दैनन्दिनी में क्या लिखूं।  इसी उधेड़बुन में जब कल मैंने समाचार पत्र में विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में कुछ लेख पढ़े तो मेरे

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पर्यावरण-प्रदूषण रोकथाम हेतु पेड़-पौधे लगाना जरुरी है

5 जून 2022
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आज विश्व पर्यावरण दिवस है। हमारे जीवन के अस्तित्व, निर्वाह, विकास आदि को दूषित करने वाली स्थिति को पर्यावरण-प्रदूषण कहा जाता है।  जैसे-जैसे महानगरों के विस्तार के साथ ही नए-नए उद्योग-धंधों का अनियंत

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फल-ककड़ी चोरी पर मिली गालियों की यादें

7 जून 2022
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  इन दिनों हमारे बग़ीचे की बॉउंड्री में ककड़ी , कद्दू, लौकी, तोरई और सेम की छोटी-छोटी बेलें फ़ैल रही हैं। इनमें कद्दू, सेम और ककड़ी मैंने अपने गांव से बीज मँगवाकर लगाए हैं। हर दिन जब इन बेल को धीरे-धीर

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तुलसी का पौधा जन्मदिन का उपहार

8 जून 2022
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आज सुबह उठते ही पतिदेव ने मुझे मिनिरल बॉटल को काटकर उसमें लगाए तुलसी के पौधे को मेरे जन्मदिन का उपहार कहकर दिया तो मैंने उनसे कहा कि लोग अपनी पत्नी को उसके जन्मदिन पर महँगे से महँगा उपहार देते हैं और

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जंगल जलेबी का पेड़

9 जून 2022
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गर्मियों में सुबह-सुबह की सैर का अपना एक अलग ही आनंद है। इस सैर में यदि सुबह-सुबह कुछ प्रोटीन, वसा, कार्बोहैड्रेट, केल्शियम, फास्फोरस, लौह, थायामिन, रिबोफ्लेविन आदि तत्वों से भरपूर कुछ मुफ्त में ख

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भीषण गर्मीं में भी फल देते केले और पपीते के पेड़

10 जून 2022
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आजकल गर्मी के तेवर बड़े तीखे हैं। नौतपा आकर चला गया लेकिन मौसम का मिजाज कम होने के स्थान पर और भी अधिक गरमाया हुआ है। इंसान तो इंसान प्रकृति के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, फूल-पत्ते कुछ मुरझाते तो कुछ सूखत

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पहली फुहार आयी बहार

12 जून 2022
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भीषण गर्मी में जब आसमान से बादल उमड़-घुमड़ कर बरसने लगते हैं, तब बरसती बूंदों की तरह ही मन भी ख़ुशी के मारे उछल पड़ता है। कल शाम को पहली बार जैसे ही बादलों से कुछ बूँदें जमीन पर आकर गिरी तो प्रकृति में एक

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बगीचे के नीम पेड़ पर चढ़ा सांप

14 जून 2022
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आज शाम जैसे ही ऑफिस से घर पहुँची तो मोहल्ले में बड़ा हो-हल्ला मचा था। मोहल्ले के कुछ लोग अपनी बालकनी तो कुछ छत से हमारे बग़ीचे के नीम के पेड़ को किसी अजूबे की तरह उचक-उचक कर देखते हुए शोरगुल कर रहे थे। उ

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जब उमड़-घुमड़ बरसे पानी

16 जून 2022
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मुरझाये पौधे भी खिल उठते जब उमड़-घुमड़ बरसे पानी। आह! इन बादलों की देखो अजब-गजब की मनमानी।। देख बरसते बादलों को ऊपर पेड़-पौधे खिल-खिल उठते हैं। जब बरसते बादल बूंद- बूंद तब अद्भुत छटा बिखेरते

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बगीचे का पितृ वृक्ष नीम

19 जून 2022
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आज मैं आपको हमारे बगीचे के पितृ वृक्ष नीम से मिलाती हूँ। आज से लगभग ७ वर्ष पूर्व जब हम इस सरकारी आवास में आये तो यहाँ बाहर यही एक एकलौता  नीम का वृक्ष था।  उसके आस-पास अन्य कोई पेड़-पौधे नहीं थे। अधि

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बगिया की वन तुलसी

22 जून 2022
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बरसात का मौसम आते ही हमारे बगीचे में राम और श्याम तुलसी के पौधों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। लेकिन जैसे ही ठण्ड का मौसम आता है तो इनमें से कुछ को पाला मार जाता है और फिर जैसे ही गर्मी का मौसम आया औ

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कंडाली का पौधा

24 जून 2022
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अभी दो दिन पहले मैंने आपको अपने बगीचे में उगाई वन तुलसी की बारे में जानकारी दी। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज मैं अपने बग़ीचे में उगाये हमारे पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के एक ऐसे औषधीय पौधे के बारे में जो

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कुणजा के पौधा

25 जून 2022
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कल मैंने आपको हमारे बाग़-बगीचे में उगाई कंडाली के पौधे के बारे में कुछ बातें बताई। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज मैं आपको हमारे उत्तराखंड से लाकर बगीचे में लगाए कुणजा के पौधे के बारे में बताती हूँ।  बचपन

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दाल-सब्जी का तड़का जख्या और दुतपंगुरु

27 जून 2022
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आज भी जब कभी अपना कोई रिश्तेदार या निकट सम्बन्धी गांव जाकर वहाँ से मौसमी फल अखरोट, आड़ू, काफल, च्यूड़े, नारंगी या माल्टा के साथ ही गैथ की दाल, भट्ट, छीमी, रयांश, मंडुवे का आटा, कौणी, झंगोरा आदि लाक

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सतवारी और भृंगराज

28 जून 2022
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आज मैं आपको अपने बाग़-बगीचे में लगी सतावरी और भृंगराज के बारे में बताती हूँ। हमने इन्हें हमारे बगीचे की बाउंड्री में लगा रखा है।  भृंगराज सड़क के किनारे वाली बॉउंड्री पर तो सतावरी सड़क से बिल्डिंग के

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बाग़-बगीचे की रंगत में

29 जून 2022
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इस माह  दैनन्दिनी  'बाग़-बगीचे की बातें' के अंतर्गत मैंने अपने बाग़-बगीचे के कुछ जरुरी पेड़-पौधों के बारे में आपको कुछ जानकारी साझा दी। इसमें बाग़-बगीचे के सभी पेड़-पौधों की बारे में समयाभाव के कारण बत

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