24 नवम्बर 2017
चलो अब चाँद से मिलनेछत पर चाँदनी शरमा रही है ख़्वाबों के सुंदर नगर में रात पूनम की बारात यादों की ला रही है। चाँद की ज़ेबाई सुकूं-ए-दिल लाई रंग-रूप बदलकर आ गयी बैरन तन्हाई रूठने-मनाने पलकों की गली से एक शोख़