जब भी 14 फरवरी आती है पुलवामा कांड की याद ताजी हो जाती है। उन सैनिकों को श्रद्धांजलि जिन्होंने आतंकवादी हमले में अपनी जान गवा दी। आतंकवाद देश की एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसने मानव को मानव का दुश्मन बना दिया है।
आज वैलेंटाइन डे भी है जिसे प्रेम का दिन कहा जाता है। आतंकवाद की इस वारदात ने हमारे बहुत सारे वीर सैनिकों को हमसे जुदा कर दिया। हमारे देश को एक ऐसा धब्बा दिया जो हमेशा याद रहेगा। इस दिन को अगर हम याद करते हैं तो हमें संकल्प लेना चाहिए की हम अपने देश से आतंकवाद को दूर करने की कोशिश करेंगे व आतंकवादियों को किसी प्रकार का समर्थन नहीं देंगे। देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आतंकवादी जिनका ना कोई धर्म है ना कोई मजहब। जो सिर्फ मासूम लोगों का खून बहाते हैं। जो मानवता के सबसे बड़े दुश्मन है। जरूरत है हमारे नव युवा कहीं मार्ग भटक कर इस रास्ते पर ना चले उन्हें सही शिक्षा देने की, आतंकवाद का गढ़ खत्म करने की। हमारे वीर सैनिक हैं जो सर्दी ,गर्मी जैसे मौसम की परवाह न करते हुए सीमाओं पर हमारी सुरक्षा करते हैं उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है और हमारा धर्म भी।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
मरने वालों की यही आखरी निशा होगी।
यह लाइनें हर वीर को श्रद्धांजलि देती हैं जो देश के लिए बलिदान हो गया।
(© ज्योति)