उत्पाद शुल्क"" या आबकारी एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में विनिर्माण की जाने वाली उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो घरेलू खपत के लिए होती हैं। कर 'विनिर्माण' पर लगाया जाता है और जैसे ही वस्तुओं का विनिर्माण हो जाता है केन्द्रीय उत्पाद शुल्क देय हो जाता है। यह विनिर्माण पर लगाया गया कर है जो विनिर्माता द्वारा अदा किया जाता है, जो अपना कर भार ग्राहकों पर डाल देते हैं। उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुएं शब्द का अर्थ है वे वस्तुएं जिन्हें केन्द्रीय उत्पाद प्रशुल्क अधिनियम, 1985 , से संलग्न पहली अनुसूची और दूसरी अनुसूची में उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुओं के रूप में निर्दिष्ट किया गया है जि
नमें नमक भी शामिल है।
आज केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस है। यह अप्रत्यक्ष टैक्स है जो हमें देना होता है। जो वस्तुओं के निर्माण पर लगता है। प्रश्न यह है की टेक्स के रूप में हमसे कितने कर वसूले जाते हैं। और हमें पता भी नहीं होता। जनता पर उतना ही टैक्स लगाया जाना चाहिए जिसे वह आसानी से दे सके। चलिए यह कर ही सरकार की आय हैं। जिससे वे विकास कार्यों को गति प्रदान करती है। प्रत्येक व्यक्ति को इमानदारी से अपना टैक्स भरना चाहिए। ताकि देश का विकास हो सके।