जब भी सरकार बजट पेश करती है। मध्यम वर्गीय परिवार टैक्स में कुछ राहत की उम्मीद करते हैं। पर परिणाम ढाक के तीन पात। कुछ नया नहीं,। महंगाई की मार से दबा मध्यमवर्गीय परिवार हमेशा चाहते हैं कि शायद महंगाई में कुछ कमी हो, उन्हें टैक्स में कुछ राहत मिले। पुरानी टैक्स व्यवस्था समाप्त कर कर दी गई है। नई टैक्स व्यवस्था में 700000 तक आयकर की छूट है। यही एक उम्मीद की किरण है। महंगाई लगातार बढ़ रही है पेट्रोल ,डीजल, तेल, सब्जियां ,फल सब महंगे हैं। ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार कैसे अपना बजट बनाएं कैसे बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएं। महंगाई के लगातार बढ़ते रहने के कारण सब कुछ महंगा हो गया है। मनुष्य की तीन बेसिक जरूर ते हैं रोटी कपड़ा और मकान। और सब की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में नौकरी पेशा अगर कुछ राहत की उम्मीद करता है तो गलत नहीं है। पर सरकार ज्यादा रियायत देने के पक्ष में नहीं है। बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं बदलता। आज भी इस बजट को पेश करते समय बहुत अच्छा अमृत काल का बजट कहा गया। आम आदमी का कितना भला यह बजट करेगा यह तो वक्त ही बताएगा। पर वास्तव में ऐसे बजट की जरूरत है जो आम आदमी को इस महंगाई से कुछ निजात दिला कर उसकी जिंदगी को कुछ आसान बना दे ।