हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए उसे अमृत काल का बजट बताया व डिजिटल इंडिया बनाने पर जोर दिया। गांव गांव में डिजिटल लाइब्रेरी वार्ड और ब्लॉक में खोली जाएगी। बच्चों व युवाओं के पढ़ने के लिए वहां अंग्रेजी भाषा व क्षेत्रीय भाषाओं में किताबें होंगी। साथ ही5G डाटा दिया जाएगा। सारे बैंक केवाईसी वीडियो द्वारा करेंगे। गांव
का डिजिटलीकरण किया जाएगा। उन्नत कृषि के लिए किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाएगी। बैंकों का डिजिटलीकरण करा जाएगा। पूरे भारत में गांव गांव को 5G डाटा से जोड़ा जाएगा।
सभी क्षेत्रों में चाहे वह कृषि हो, बैंकिंग हो, या चिकित्सा सेवा क्षेत्र सभी के डाटा डिजिटलीकरण होंगे। सरकारी कर्मचारियों का डाटा ई फाइलिंग में रखा जाएगा। कहने का तात्पर्य है की सरकार डिजिटल इंडिया के लिए कमर कस चुकी है। अब सब कुछ कंप्यूटर पर उपलब्ध है। सारे स्कूल स्मार्ट क्लास से
संचालित हो ,आपकी उपस्थिति बायोमेट्रिक से हो, सभी डाटा ऑनलाइन हो, सभी जगह इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।
ऑनलाइन डिजिटलीकरण अच्छा तो लगता है पर जब कभी आप बैंक जाए और सर्वर काम ना कर रहे हैं, तब कोई भी काम नहीं होता, नेट ना चल रहा हो, स्पीड धीमी हो, तब कितना मुश्किल होता है काम करना, डाटा भेजना। फिर हार्ड कॉपी में डाटा मांगा जाता है, नेट बैंकिंग में जितनी सहूलियत हैं, अब उतने ही ठगी भी हो गई है। साइबर ठगों से बचने का उपाय बताए जा रहे हैं। अतः डिजिटलीकरण अच्छी बात है नए बजट में डिजिटल इंडिया बनाने पर जोर है। पर फिर भी हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम इसे अभी आम पब्लिक के लिए और सुलभ बनाएं। ऐसा नेट प्रोवाइड हो जो रूरल एरिया में भी काम कर सके।
(© ज्योति)