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दादा दादी की कहानियां

hindi articles, stories and books related to daadaa daadii kii khaaniyaan


रक्षा बन्धन... रक्षा बन्धन का त्योहार। धूम धाम से आता है।। भाई बहिनों का यह प्यार। गीत अनोखे गाता है।। 

वायुयान... हवा में सर-सर उड़ा जाए। चीन, जपान, रूस, अमरीका, जर्मन, फ्रांस हो या अफ्रीका कुछ ही घंटो में पहुँचाए, हवा में सर सर उड़ता जाए। युद्धों में यह बम बरसाए, बाढ़ो मे

रेल... एक - एक करती आती रेल, आग और पानी का खेल। दूर - दूर की सैर कराती, नदियाँ, पर्वत पार कराती। किसी को दफ्तर, पर पहुंचाती, बिछड़ा को ये पुनः मिलाती।

तोता... हरियल तोता बड़ा निराला, 'गंगा राम' कहलाता है। आम, लीची, सेब, सन्तरे, बागों में ये खाता है। पिंजरे में भी खुशी से रहता, राम-राम फिर सबसे कहता।

1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।

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दृश्य: जंगल में सब कुछ अच्छा चल रहा है लेकिन कई दिनों से तोता(मिट्ठू) किसी को दिख नहीं रहा। हाथी (गजोधर), चूहा (कतरू) और बंदर (गोलू) उसी की बात कर रहे हैं।हाथी (गजोधर): गोलू काफी दिन हो गए हैं मिट्ठू

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दृश्य : जंगल के सबसे बड़े बरगद के पेड़ के नीचे सभी जानवर सभा के लिए उपस्थित हुए हैं | एक शाही पत्थर के ऊपर हरी हरी घास का आसन बनाया हुआ है और सभी जानवर जंगल के राजा के आने का इंतज़ार कर रहे हैं |भालू (दर

मेहनत व अवसर तुम्हें वो सब मिल सकता है,  जिसके लायक़ तुम खुद को समझते हो,  अवसर ईश्वर दिलाते हैं,  तुम कहाँ इंसानो के चक्कर में पड़े हो, किसी को प्रसन्न करना ही है,  तो भगवान को करो अपने मेह

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