देश हमारा न्यारा प्यारा,
देश हमारा न्यारा प्यारा ।
सब देशों से है यह प्यारा,
देश हमारा न्यारा प्यारा ।।
उत्तर में गिरिराज हिमालय,
इसका मुकुट संवारे ।
दक्षिण में पावन रत्नाकर,
इसके चरण पखारे ।
अभिसिंचित इसको करती,
गंगा यमुना की जलधारा ।
देश हमारा न्यारा प्यारा ----- ।।
विंध्य, सतपुड़ा, नीलगिरि श्रृंग,
इसका गगन सजाते ।
इसके उपवन बागों समक्ष,
सुर उपवन भी लजाते ।
रम्य क्षेत्रों की हरियाली,
इसकी है जन मन हारा ।
देश हमारा न्यारा प्यारा ---- ।।
उगले सुवर्ण सम फसलें,
इसकी रम्य धरा नित ।
इसकी अनन्य विविधता,
करती आई सबको चकित ।
कलरव में इसके पशु पक्षी,
लगाते स्वतन्त्रता नारा ।
देश हमारा न्यारा प्यारा ---- ।।
सब जाति धर्म के जन,
इसकी गोद में पलते ।
बल, बुद्धि और विद्या के,
स्वामी इसपे बसते ।
इन सुंदर गुणों के बल पे,
बनते देश का सहारा ।
देश हमारा न्यारा प्यारा ---- ।।
न्योछावर कर दें सबकुछ,
हम देश के ही कारण ।
बलशाली बन हम दुखियों के,
कष्टों का करें निवारण ।
चमकाएं देश के नभ में,
सतत विकास का ध्रुवतारा ।
देश हमारा न्यारा प्यारा ---- ।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
बासुदेव अग्रवाल 'नमन' की अन्य किताबें
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परिचय -बासुदेव अग्रवाल 'नमन' नाम- बासुदेव अग्रवाल; शिक्षा - B. Com. जन्म दिन - 28 अगस्त, 1952; निवास स्थान - तिनसुकिया (असम) रुचि - काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि। हिंदी साहित्य की पारंपरिक छंदों में विशेष रुचि है और मात्रिक एवं वार्णिक लगभग सभी प्रचलित छंदों में काव्य सृजन में सतत संलग्न हूँ। परिचय - वर्तमान में मैँ असम प्रदेश के तिनसुकिया नगर में हूँ। whatsapp के कई ग्रुप से जुड़ा हुआ हूँ जिससे साहित्यिक कृतियों एवम् विचारों का आदान प्रदान गणमान्य साहित्यकारों से होता रहता है। इसके अतिरिक्त हिंदी साहित्य की अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में मेरी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती है। हिंदी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं। Blog - https://www. nayekavi.blogspot.com
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) "मात्रिक छंद प्रभा" जिसकी गुगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'मात्रिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) "वर्णिक छंद प्रभा" जिसकी गुगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'वर्णिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)D