दिन के उज्ज्वल अम्बर से
प्रगटी प्यारी संध्यारानी ।
अवसान दिवस सूचना की
कहने आई यह वाणी ।।1।।
तेज भानु की तप्त करों को
छिपा के अपने आँचल में ।
रक्तवर्ण आभा छिटका दी
जग के लोचन चंचल में ।।2।।
कार्यशील सम्पूर्ण जगत को
विश्राम ठौर में आने की ।
सूचना दे दी इस संध्या ने
सब जीवों को घर जाने की ।।3।।
कृषक वर्ग भी अब त्यज के
अपने प्यारे सब खेतों को ।
आवासों को हुए अग्रसर
ले हल फावड़ा बैलों को ।।4।।
पक्षी समूह भी वन घर से
नीड़ों में अपने चल पड़े ।
चारागाह पशुगण छोड़ के
स्वगृह समक्ष आ हुए खड़े ।।5।।
गाएँ भी अब खर धूलि से
नभ को आच्छादित कर रहीं ।
गृहरमणी सुंदर थाल सजा
सांध्य दीप जलाने सज रही ।।6।।
संध्या ने अपने कलरव से
मुखरित कर दी दिग्दिगंत ।
मध्याह्न में जो सन्नाटा था
संध्या ने उसका किया अंत ।।7।।
कैसी प्यारी यह शोभा है
कि कर प्रणाम जा रहा तपन
है शीतल शशि अब सज रहा
किरणों से करने जग को 'नमन' ।।8।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
बासुदेव अग्रवाल 'नमन' की अन्य किताबें
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परिचय -बासुदेव अग्रवाल 'नमन' नाम- बासुदेव अग्रवाल; शिक्षा - B. Com. जन्म दिन - 28 अगस्त, 1952; निवास स्थान - तिनसुकिया (असम) रुचि - काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि। हिंदी साहित्य की पारंपरिक छंदों में विशेष रुचि है और मात्रिक एवं वार्णिक लगभग सभी प्रचलित छंदों में काव्य सृजन में सतत संलग्न हूँ। परिचय - वर्तमान में मैँ असम प्रदेश के तिनसुकिया नगर में हूँ। whatsapp के कई ग्रुप से जुड़ा हुआ हूँ जिससे साहित्यिक कृतियों एवम् विचारों का आदान प्रदान गणमान्य साहित्यकारों से होता रहता है। इसके अतिरिक्त हिंदी साहित्य की अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में मेरी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती है। हिंदी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं। Blog - https://www. nayekavi.blogspot.com
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) "मात्रिक छंद प्रभा" जिसकी गुगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'मात्रिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) "वर्णिक छंद प्रभा" जिसकी गुगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में 'वर्णिक छंद कोष' दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)D