यह संसार, यह शरीर, सुख-दुख सब परिवर्तनशील हैं। इस कारण मानव को व्रत और वेदांत दोनों की आवश्यकता होती है और होती रहेगी। व्रत और वेदांत हर परिस्थिति में मानव का संबल बनते हैं। आपने पढ़ा कि-वर्ष में २४ एकादशी व्रत होता है और २४ प्रदोष व्रत होता है। जिनम
Basically, Yoga is a complete science of human body to get connected to ultimate supreme consciousness, but nowadays only physical body fitness and flexibility is commonly understood the yoga, which is not so. Mantra Yoga is an extension of yoga on
Sanatan Dharm Ka Rahasya: Kabhi Vishvavyapi Aur Ab Mutthi Bhar Bacha Hua Bharat 33 Koti Devi-Devtayon Ke Hote Hue Bhi Gulami Ki Ore Kyun Agrasar Hai? Read more
लिख दिया था क्या लिखूं अब, किसका करूं मैं गुड़गान! रोटी - कपड़ा और मकान मनुष्य का रिश्ता सदा सम्मान। बढ़ता जिससे स्वाभिमान, बनाया जिसने महा महान। जो दिया ऐसा वरदान भूल गया उसको इंसान। भक्षण जीव का करता है जीव जीव से लड़ता है! स्वप्नलोक में विचरण कर
Purusha Sukta is a prominent sukta of Vedic Literature of Sanatan Dharma. In this book, Purushottama Bhashya (commentary) of Purusha Sukta belonging to Shukla Yajurveda is included which is written by Nigrahacharya Shri Bhagavatananda Guru. In this b
The entire Shri Ram Katha is divided into six parts. 'Anadi Anant Agochar Rama' is the Third part of this series. Other Five parts are:1. Jai Raghunandan Jai Siya Ram2. Kan-Kan mein basate Shri Ram 4. Mradul-Manohar Chhabi Abhiram5. Hriday Buses Hanu
धूप ना निकल आए जहां में, चले आओ महावीर हैं यहां! सनसनाते चल दी पुरूआ हवा, आलस्य ना आए तुझे कहीं।। महावीर हनुमान जी मंदिर में, आओ हनुमान चालीसा सुनाएं। जानकी की खोज किए हनुमान, सबको बजरंगी देते रहे वरदान।। देर करने वाला समय खो देता, सूर्योदय - गोधू
हमारा देश संतमहात्माओं एवं ऋषिमुनियों का देश है। उनकी सांसारिक पदार्थों में आसक्ति नहीं होती। वे सिर्फ जीने भर के लिए जरूरी चीजों का सीमित मात्रा में उपभोग करते हैं। क्रोध, मान, माया और लोभ से संत का कोई प्रयोजन नहीं है। ऐसा सात्त्विक तपस्वी जीवन सबक
हमारे राष्ट्र निर्माताओं में जगद्गुरु श्री शंकराचार्य का स्थान बहुत ऊँचा है। कई विद्वानों ने तो उन्हें आधुनिक हिंदू धर्म का जनक ही कहा है। शंकराचार्य ने समस्त हिंदू-राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने एवं उसे संगठित करने का प्रयास किया। देश के चारों कोनों
नमस्कार मित्रों - इस पुस्तक में श्रीराम कथा के अन्तर्गत भगवान राम के वन गमन से लेकर दशरथ मरण तक की कथा का समावेश किया है । कथा का मुख्य श्रोत गोस्वामी बाबा द्वारा प्रदत्त श्री राम चरित मानस है । आसा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक आप सभी को
श्री साईं बाबा के माता-पिता, उनके जन्म और जन्मस्थान के बारे में किसी को भी ज्ञान नहीं है। इस संबंध में बहुत छानबीन की गई। बाबा से तथा अन्य लोगों से भी इस विषय में जानकारी ली गई, परंतु कोई संतोषप्रद उत्तर अथवा सूत्र हाथ न लग सका। नामदेव और कबीरदास का
महाभारत हिंदू सभ्यता और संस्कृति का एक पावन धर्मग्रंथ है। इसका आधार अधर्म के साथ धर्म की लड़ाई पर टिका है। इसे पाँचवाँ वेद भी कहा जाता है। महाभारत में ही समाहित ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ एवं ‘विदुर नीति’ इसके दो आधार-स्तंभ हैं। एक में भगवान् श्रीकृष्ण अध
पृथ्वी लोक पर बढ़ रही समस्याओ से चिंतित ब्रह्मा जी ने मन्थन हेतु एक सभा बुलाई जिसमे चित्र गुप्त यमराज एवम् नारद जी उपस्थित है ।
"मैं कौन हूं?" इसका कोई उत्तर नहीं है; यह उत्तर के पार है। तुम्हारा मन बहुत सारे उत्तर देगा। तुम्हारा मन कहेगा, तुम जीवन का सार हो। तुम अनंत आत्मा हो। तुम दिव्य हो,' और इसी तरह के बहुत सारे उत्तर। इन सभी उत्तरों को अस्वीकृत कर देना है : नेति नेति--तु
इस घटना के बाद विनता ने अपने दूसरे अंडे का पूरा ध्यान रखा और पिछली भूल से सबक लेकर इस बार उसने अंडे को नहीं तोड़ा। महीने और साल बीत गए। अंत में, एक दिन अंडा अपने आप टूटा और शक्तिशाली पंखों तथा पक्षी जैसे चेहरे वाला एक व्यक्ति उससे बाहर निकला। उसने कह
सीरिया और इराक लगभग विखंडन के कगार पर पहुँच गए, क्योंकि उनके विभिन्न समुदायों—शिया, सुन्नी, कुर्द, अलावाइट और ईसाई—को यह लगा कि वे अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। इसलाम धर्म के कट्टरपंथी अनुपालन के लिए निष्ठुर इसलामिक स्टेट ऑफ इराक ऐंड सीरिया (ISIS
अयोध्या का मतलब है, जिसे शत्रु जीत न सके। युद्ध का अर्थ हम सभी जानते हैं। योध्य का मतलब, जिससे युद्ध किया जा सके। मनुष्य उसी से युद्ध करता है, जिससे जीतने की संभावना रहती है। यानी अयोध्या के मायने हैं, जिसे जीता न जा सके। पर अयोध्या के इस मायने को बद
क्या आप जानते हैं कि एक समय था, जब भालू बोलते थे, चाँद हँसता था और शिशु मछली के पेट में पाए जाते थे? क्या आपने कभी हजार भुजाओं वाले व्यक्ति को देखा है? इस संग्रह की कहानियाँ भगवान् विष्णु के दो सबसे प्रसिद्ध अवतारों—राम और कृष्ण—तथा उनके वंश के इर्द-
Hindu Paramparaon Ka Rashtriyakaran Read more