आज की सुबह की शुरुवात रिमझिम बारीश से हुँवी। बारीश बहुत ही प्यारी है, आज वैसे तो ऐतवार है तो इसकी बजह से थोडा लेट ही उठे है हम। आज महादेव जी का प्रदोष भी है, बारीश की बजह से गर्मी थोडी कम है, हल्का हल्का सी ठंड है हवाओं में।
आज का विषय भी प्रतिलिपी जी ने दिया हा विनाश कारी। वैसे हमारे महादेवजी भी विनाशकारी है, जो बूराई का अंत करते है। पर हमारे महादेव जी भोले भी बहुत है, निरामय और निरंकारी है, थोडी सी भक्ती में भी वे बहुत प्रसन्न हो जाते है।
विनाशकारी बातें तो कितनी है दुनिया में, हमारे आस पास बहुत सारे लोग घूमते रहते हा, जो की अच्छाई का चोला पहनके विनाशक विचारों को मन में लिए घूमते है।
इगो, गुस्सा, स्वार्थ, और कितनी ही बातों के बजह से रिश्ते बनते बनते टूट जाते है।
यहाँ तो कोई समझदार होकर रिश्ते को बचाना ही नहीं चाहता, बहुत इमपेंशट लोग हो गये है, रिश्तों के लिए समय ही नहीं दे पाते है।क्या करे सब उन्हें इंस्टंट चाहिए तरक्की के साथ रिश्ते भी।
चलो उम्मीद करते है आनेवाले कल में कुछ तो बदल जायेगा, ये विनाश कारी करोना भी।