आज 5 जूून, जागतिक पर्यावरण दिन
आज पर्यावरण की ओर जपणूक करने की एक नया दिन, इस दिन लोग हर एक जगह पर्यावरण की पोस्ट डालकर दिन सेलिब्रेट करते है।
पर मेरे खयाल से इस दिखावे की बजाय अगर पेड लगाये, प्रदूषण कम करे तो पर्यावरण बच सकता है। सब मिलकर हमें कोशिश करनी चाहिए तभी तो 50 टक्के से ज्यादा पेड होगें।
आज का हमारा प्रतिलिपी का विषय है साहित्यिक कल्पना, साहित्य ही नवनिर्मिती की प्रेरणा होते है। हमारे साहित्य कितना महान है इस बारे में मैं नासमझ आपको क्या ही बताऊ। एक साहित्य ही है जिसके कारण हम आज दुनिया पर राज कर रहे है, पुरातन काल से हमारा महान साहित्य हर एक समस्या का जबाब है।
कितने महान विभूतियाँ हमारे यहाँ होकर गये जिन्होनें हमें शील का वर्तन, अपने संस्कारों से दूसरों का जीवन संवारने का हुनर सिखाया, जो महान होते हुँवे भी थोडा भी गर्व नहीं करते थे।
रामायण, महाभारत से लेकर आज तक का कितना विशाल खजाना है किताबों का हमारे पास, की हम बया ही ना कर पाये, मुझे खुशी है की मैं भी थोडा बहुत लिख पाती हूँ, महान तो नहीं पर कोशिश जरुर करती हूँ।