गांव की पगडंडियों पर, जहाँ खामोशी की चादर बिछी रहती है, अम्मा के आँगन में, बस वही पुरानी खाट सजती है। बेटों की यादें मन के कोने में, बाँधी हुई हैं अम्मा ने गांठ में, पर वो बस यादें
अब तक हिंदी न्यूज़ /प्रजायगराज/मेजा/पट्टीनाथ राय गांव के प्रत्येक वर्ग के लोगों को जागरूक बनाना हमारी प्राथमिकता__ श्यामराज यादव अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी सिरसा मण्डलआज नेहरू युवा केंद्र प्रयागराज युवा खेल मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में मेजा के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक रविशंकर द्वारा निरंतर जन
आजाद हुआ कोरोना।कोरोना बढ़ रहा है लॉक डाउन खोला जा रहा है।देश दुनियाँ में मौत के आंकड़े को छुपाया जा रहा है।जग में मानव को जीने का सलीका दिया जा रहा। काश यह छूट देश मे पहले दी गई होती ।आज देश मे एक भी प्रवासी मजदूर न हुआ होता।हर प्रवासी मजदूर कोरोना की शक्ल में नजर आ रहा है।चाहत होती थी दिल्ली, मुम्बई
साइकिलबचपन अछूता नही साइकिल से, किसानों के फसल को ढोती साइकिल, डाकिया की साइकिल गुजरती घण्टी की टिंग-टाँग से। लेखपाल के झोले को ढोती साइकिल, न्यूज़ पेपर लेकर घर-घर जाती साइकिल, बच्चों के स्कूली बैग को संभालती साइकिल। आजादी के बाद से देश मे चली साइकिल, लॉकडाउन में बीमार
गली, मौहल्ले, गांव, कस्बा, शहर, प्रदेश, देश। सभी जगह है लाकडाउन। सभी जरूरी काम, मीटिंग, स्कूल, कालेज, आफिस हुए लाक। सभी जगह है लाकडाउन। राशन, दवाईयां, घर में रहना हुआ सबसे ज्यादा जरूरी, सभी जगह है लाकडाउन। घर में रहकर, तोता उड़, चिड़िया उड़, कैरम, गीटे, सांप-सीढी, लूडो गोटी, पासा बच्चों के संग खे
एक दौर था जब ग्रामीणपरिवेश पर बनीं फ़िल्में खूब पसंद की जाती थी। तत्कालीन ग्रामीण भारत केस्वाभाविक चित्रण वाली फ़िल्म मदर इंडिया तो ऑस्कर अवार्ड तक भारत की मिट्टी कीखुशबू बिखेर आई। सिर्फ एक वोट कम पड़ने की वजह से ये फ़िल्म पीछे रह गई। फणी