हमारा प्यार बच्चों के मन जैसा सच्चा था ।
हमारे प्यार का किरदार कुछ ऐसा था ॥
तेरे इक दिदार के है प्यासे ।
जल की मछलीयां जैसे हो प्यासे ॥
इतना टुटे हैं की छूने से भी बिखर जायेंगे ।
इतना ना तोड़ो की अब हम निखर जायेंगे ॥
आपके करीब हम रहते है ।
अपना नसीब हम तुम्हे कहते है ॥
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