नवमनवरात्र – देवी के सिद्धिदात्री तथा अन्नपूर्णा रूपों की उपासनारविवार 25 अक्तूबर को आश्विन शुक्लनवमी तिथि है – नवम तथा अन्तिम नवरात्र – देवी के सिद्धिदात्री रूप की उपासना –दुर्गा विसर्जन | नवमी तिथि का आरम्भ शनिवार को हो जाएगा लेकिन सूर्योदय से लगभगचौंतीस मिनट के बाद
पञ्चम नवरात्र – देवी के स्कन्दमाता रूप की उपासना केलिए मन्त्रसौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वति सुन्दरी,परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी |कल आश्विन शुक्ल पञ्चमी – पञ्चमनवरात्र – देवी के पञ्चम रूप की उपासना - स्कन्दमाता रूप की उपासना - देवी कापञ्चम स्वरूप स्कन्दमाता के रूप में जाना जाता है और नवरात्र
तृतीय नवरात्र - देवी के चंद्रघंटा रूप की उपासनादेव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या,निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्यानताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||कल आश्विन शुक्ल तृतीया है – तीसरा नवरात्र - देवी केचन्द्रघंटा रूप की उपासना का दिन | चन्द्रःघंटायां यस्याः सा चन्द्रघंटा
नवरात्रों में घट स्थापना और जौ उगाना कल आश्विनशुक्ल प्रतिपदा यानी शनिवार 17 अक्तूबर से समस्त हिन्दू समाज माँ भगवती की पूजा अर्चना के नव दिवसीयउत्सव शारदीय नवरात्र के आयोजनों में तल्लीन हो जाएगा | सर्वप्रथम सभी को शारदीयनवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ...इसवर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा – प्रथम नवरात्
शारदीय नवरात्र 2020 की तिथियाँ (कैलेण्डर)आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी 17 अक्तूबर शनिवार से शारदीय नवरात्र आरम्भ होने जा रहेहैं | यों पितृविसर्जनी अमावस्या यानी महालया के दूसरे दिन से शारदीय नवरात्रों काआरम्भ हो जाता है | महालया अर्थात पितृविसर्जनी अमावस्या को श्राद्ध पक्ष का समापन होजाता है | महालया क
सप्तम कालरात्रि नवदुर्गा – सप्तम नवरात्र –देवी के कालरात्रि रूप की उपासनात्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातंसमरमूर्धनि तेSपि हत्वा ।नीता दिवं रिपुगणाभयमप्यपास्तमस्माकमुन्मदसुरारि भवन्न्मस्ते ।।देवी का सातवाँ रूप कालरात्रि है | सबका अन्त करने वाले कालकी भी रात्रि अर्थात् विनाशिका होने के कारण इनका ना
षष्ठंकात्यायनी नवदुर्गा– छठा नवरात्र – देवी के कात्यायनी रूप की उपासनाविद्यासु शास्त्रेषु विवेकदीपेषुवाद्येषु वाक्येषु च का त्वदन्या |ममत्वगर्तेSतिमहान्धकारे,विभ्रामत्येतदतीव विश्वम् ||षष्ठी तिथि –छठा नवरात्र – समर्पित है कात्यायनी देवी की उपासना के निमित्त | देवी के इस रूपमें भी इनके चार हाथ माने ज
पंचमा स्कन्दमाता नवदुर्गा – पञ्चम नवरात्र – देवीके स्कन्दमाता रूप की उपासना सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वतिसुन्दरी, परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी |पञ्चमस्कन्दमातेति – देवी का पञ्चम स्वरूप स्कन्दमाता के रूप में जाना जाता है औरनवरात्र के पाँचवें दिन माँ दुर्गा के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है।
तृतीया चंद्रघंटा नवदुर्गा – तृतीय नवरात्र- देवी के चंद्रघंटा रूप की उपासनादेव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या,निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्यानताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||कल आश्विन शुक्ल तृतीया है – तीसरा नवरात्र - देवी केचन्द्रघंट
शरद् नवरात्रि की तिथियाँ शनिवार 28 सितम्बर - आश्विन कृष्ण अमावस्या – महालयाके नाम से भी जिसे जाना जाता है - हम सभी अपने समस्त पितृगणों को श्रद्धापूर्वकविदा करेंगे – इस निवेदन के साथ कि हमारा आतिथ्य स्वीकार करने इसी प्रकार आतेरहेंगे और अपना आशीर्वाद हम पर सदा बनाए रखेंगे | उसके दूसरे दिन यानी रविवार