डायरी दिनांक ०१/०८/२०२२
शाम के पांच बजकर पचपन मिनट हो रहे हैं ।
आजकल डायरी लेखन नियमित नहीं हो पा रहा है। वैशालिनी को पूर्ण करने की इच्छा में डायरी लेखन से कुछ दूरी हो गयी है।पुनर्मिलन को पूरा करने के बाद जितने उत्साह से वैशालिनी को लिख रहा था, आज वह उत्साह बहुत मंद हो गया है। कारण - वैराग्य पथ - एक प्रेम कहानी की असफलता। हालांकि मन को समझाने के बहुत सारे तरीके हैं। कह सकते हैं कि बहुत सारे उपन्यास लिखे गये। उनमें से मात्र दस का ही चयन होना था। पर सत्य यही है कि वैराग्य पथ की सफलता के लिये मैं अपेक्षाकृत अधिक आश्वस्त था। कारण कि यह पौराणिक पृष्ठभूमि पर कल्पना के संगम के साथ लिखा अनोखा उपन्यास था। तथा प्रेम, कर्तव्य और वैराग्य की अनोखी गाथा भी था। मेरी राय में वैराग्य पथ - एक प्रेम कहानी, दुनिया के रंग की तुलना में अधिक बेहतरीन उपन्यास है।
वैसे एक सत्य यह भी है कि पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखे उपन्यास बहुत कम बार ही सफलता अर्जित करते हैं। शायद चयनकर्ता पौराणिक पृष्ठभूमि की रचनाओं को मौलिक नहीं मानते। हालांकि मेरी हर रचना लगभग मौलिक ही होती है। प्रत्येक रचना में अपने हिसाब से नवीन पात्रों का गठन भी करता हूं तथा आवश्यक होने पर मूल कथानक में कुछ बदलाव भी करता हूं। कई बार पौराणिक आख्यानों का मानवीकरण भी करता हूं।
संस्कृत और हिंदी साहित्य के भी महान लेखकों ने अपने अनुसार ऐतिहासिक और पौराणिक साहित्य लिखा है। तथा वह सारा साहित्य उनका मौलिक ही माना जाता है।
असफल व्यक्ति को शांत रहना चाहिये। फिर जो एक बार सफल रहे और अगली बार असफल, उसे तो निश्चित ही शांत रहना चाहिये। सभी विजेताओं को बहुत शुभकामनाएं।
दिन निराशा में व्यतीत हुआ। पर सायं के साथ ही एक अच्छी बात हुई। एक प्रसिद्ध प्रकाशक ने एक सांझा संकलन के लिये मेरी एक कविता मांगी थी। जो मैंने उन्हें उपलब्ध करा दी। आज उस किताब जिसका नाम " जिंदगी इस तरह" है, की सोफ्ट कापी मुझे प्राप्त हो गयी। तथा जल्द ही मुद्रित पुस्तकें भी उपलब्ध हो जायेंगीं।
वैसे उसी प्रकाशक ने कुछ महीने पूर्व मेरा एक उपन्यास प्रकाशित करने की भी इच्छा व्यक्त की थी। पर अभी मैं किसी को भी बहुत ज्यादा भुगतान करना नहीं चाहता। इस कारण अभी तो पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार नहीं है।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।