shabd-logo

डायरी दिनांक ०३/०८/२०२२

3 अगस्त 2022

19 बार देखा गया 19

डायरी दिनांक ०३/०८/२०२२

  रात के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं ।

  कभी कभी कोई दिन ऐसा निकल जाता है कि उसे न तो आराम का दिन कहा जा सकता है और न हीं व्यस्तता भरा दिन। ऐसे दिनों के लिये एक अंग्रेजी कहावत बनी है -  busy without work. कोई महत्वपूर्ण काम भी नहीं फिर भी दिन भर व्यस्त बने रहो।

  अजीबोगरीब दिन के अतिरिक्त मन भी कुछ अजीबोगरीब सा रहा । एक व्यक्तिगत बात पर गहन चिंतन मनन चल रहा है। जिससे दिमाग की अधिक कसरत सा हो रही है जिस कारण कहीं भी अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूँ।

  आज वैशालिनी का अगला भाग लिखने का प्रयास किया। पर थोड़ा लिखते ही कुछ मन उचट सा गया। बहुत ज्यादा लिख नहीं पाया ।

  मनुष्य अपने शरीर, रूप, धन - दौलत और रुतबे पर जितना अहंकार करता है, उसके जीवन में कभी ऐसी स्थिति आती है जो कि उसे यथार्थ का साक्षात्कार करा देती है। हालांकि समय गुजरते ही वह यथार्थ भी मन से उतर जाता है।

  अपने निश्चय पर दृढ रह पाना बहुत कठिन काम है। मन बार बार समझोता करने की संभावना तलाश करता है। बार बार अलग अलग रास्ते तलाशने लगता है। वैसे यह एक अच्छी ही प्रवृत्ति कही जायेगी। प्रयास से कोई न कोई सही मार्ग मिल ही जाता है।

  आज महादेवी वर्मा जी का एक लेख पढा। जिसमें विभिन्न व्यवसायों में स्त्रियों की भूमिका के विषय में बताया था। आज के समय में तो प्रत्येक क्षेत्र में स्त्रियों की पर्याप्त भूमिका है। पर संभवतः महादेवी जी के समय शिक्षण, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में भी स्त्रियों को अपना स्थान स्थापित करने में कठिनाई आती होगी। साहित्य समाज का दर्पण कहलाता है। फिर महादेवी जी के साहित्य पर उस काल का प्रभाव अवश्य ही रहा होगा।

  महादेवी जी ने कार्यरत महिलाओं के विषय में उस काल की पुरुष मानसिकता का भी उल्लेख किया। जो कि बहुत हद तक आज भी वैसी ही है। संभावना है कि उस समय ९५ फीसदी पुरुषों की मानसिकता वैसी हो। पर आज के समय में भी लगभग ५० फीसदी पुरुषों की मानसिकता में बहुत ज्यादा अंतर नहीं लगता ।

  शायद आज चिंतन का विषय और अधिक व्यापक है। आज की पुरुष मानसिकता को कुछ अधिक व्यापक तरीके से समझने और उसी आधार पर स्त्रियों के समक्ष चुनौतियों पर विचार करने की आवश्यकता है।

  अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम। 

कविता रावत

कविता रावत

युगों से पुरुषों ने अपना वर्चस्व कायम रखा, जिससे उसकी जड़ें जमीन में बहुत गहरी और दूर-दूर तक फैलती चली गयी, अब उन्हें उखाड़ फेकनें के लिए समय तो लगेगा ही न, बस यही समझिये कि समय सदा एक न रहा है न रहता है, समय के साथ बदलाव आता ही है और जब बदलाव आता है तभी नया सवेरा होता है

3 अगस्त 2022

20
रचनाएँ
दैनंदिनी अगस्त २०२२
0.0
अगस्त महीने की डायरियों का संग्रह
1

डायरी दिनांक ०१/०८/२०२२

1 अगस्त 2022
3
0
0

डायरी दिनांक ०१/०८/२०२२ शाम के पांच बजकर पचपन मिनट हो रहे हैं । आजकल डायरी लेखन नियमित नहीं हो पा रहा है। वैशालिनी को पूर्ण करने की इच्छा में डायरी लेखन से कुछ दूरी हो गयी है।पुनर्मिलन को पूरा

2

डायरी दिनांक ०२/०८/२०२२

2 अगस्त 2022
2
0
3

डायरी दिनांक ०२/०८/२०२२ रात के आठ बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । कल की डायरी तो किसी ने पढी ही नहीं। अभी तक पाठक संख्या शून्य दिखाई दे रही है। आज की डायरी देखते हैं कि कितने लोग पढते हैं। वैसे

3

डायरी दिनांक ०३/०८/२०२२

3 अगस्त 2022
1
0
1

डायरी दिनांक ०३/०८/२०२२ रात के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । कभी कभी कोई दिन ऐसा निकल जाता है कि उसे न तो आराम का दिन कहा जा सकता है और न हीं व्यस्तता भरा दिन। ऐसे दिनों के लिये एक अं

4

डायरी दिनांक ०५/०८/२०२२

5 अगस्त 2022
3
0
1

डायरी दिनांक ०५/०८/२०२२ शाम के सात बजकर पांच मिनट हो रहे हैं । कल शाम से मेरी तबीयत खराब होने लगी। जबकि मम्मी की तबीयत उससे भी एक दिन पहले से खराब थी। यह मौसम में बदलाव का असर है या कुछ और, हम

5

डायरी दिनांक ०६/०८/२०२२

6 अगस्त 2022
2
0
1

डायरी दिनांक ०६/०८/२०२२ शाम के छह बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । कभी कभी भावनाओं में बहकर बहुत लंबा चोड़ा लिख जाता है। बाद में उसे मिटाना आवश्यक होने लगता है। आज वही स्थिति आ गयी। एक बड़ी डायरी लि

6

डायरी दिनांक ०७/०८/२०२२

7 अगस्त 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ०७/०८/२०२२सुबह के नौ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । आज सुबह से ही तेज बारिश होने लगी। कुछ देर बहुत तेज बारिश हुई। फिर कुछ धीमी दर से भी बारिश होती रही। अभी बरसात बंद हुई है। मौसम में ठं

7

डायरी दिनांक ०९/०८/२०२२

9 अगस्त 2022
1
0
0

डायरी दिनांक ०९/०८/२०२२ शाम के सात बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । कुछ समय से मन में भ्रम बना हुआ था कि पथरी निकल चुकी है। संभव है कि कुछ पथरी निकली भी हो। लगभग सात दिन पूर्व सुबह ही ऐसा आभास हु

8

डायरी दिनांक ११/०८/२०२२

11 अगस्त 2022
1
1
1

डायरी दिनांक ११/०८/२०२२ शाम के सात बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं । भारत में बहुत लोगों ने आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया तो बहुत से लोग कल रक्षाबंधन का पर्व मनायेंगें। सरकारी अवकाश कल दिनांक १२

9

डायरी दिनांक १३/०८/२०२२

13 अगस्त 2022
1
1
0

डायरी दिनांक १३/०८/२०२२ सुबह के आठ बजकर पैंतालीस मिनट हो रहे हैं । कल का दिन बहुत व्यस्तता में बीता। सुबह जल्दी जगकर नहा धोकर भगवान जी को स्नान करा उन्हें राखियाँ पहनाईं। फिर गंगाजली, तुलसी

10

डायरी दिनांक १४/०८/२०२२

14 अगस्त 2022
0
0
0

डायरी दिनांक १४/०८/२०२२ सुबह के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । कल मुझे एक सर्वे के कार्य से बहुत दूर जाना पड़ा । यूएसओ ओर्गनाइजेनश और भारत सरकार द्वारा प्राप्त आदेश को पूरा करने के लिये कम

11

डायरी दिनांक १५/०८/२०२२

15 अगस्त 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १५/०८/२०२२ शाम के छह बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं । आज का दिन मेरे जीवन में विशेष गर्व का पल लेकर आया जबकि मुझे भारत संचार निगम लिमिटेड के एटा मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज के अवरोहण क

12

डायरी दिनांक १६/०८/२०२२

16 अगस्त 2022
1
0
0

डायरी दिनांक १६/०८/२०२२ शाम के सात बजकर पैंतीस मिनट हो रहे हैं । बाहरी शोरगुल के अतिरिक्त मनुष्य का अंतर्मन की भी एक आवाज होती है। अंतर्मन मनुष्य को हमेशा बुराई के मार्ग पर जाने से रोकता ह

13

डायरी दिनांक १७/०८/२०२२

17 अगस्त 2022
1
1
0

डायरी दिनांक १७/०८/२०२२ सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । गाजियाबाद की बेनजीन हिना जी ने तलाक ए हसन प्रथा को सुप्रिम कोर्ट में चुनौती दी। पर सुप्रिम कोर्ट ने इस प्रथा को तीन तलाक के समान मा

14

डायरी दिनांक १८/०८/२०२२

18 अगस्त 2022
1
1
0

डायरी दिनांक १८/०८/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । वैसे तो जन्माष्टमी का पर्व कल दिनांक १९/०८/२०२२ को मनाया जायेगा। मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भी कल की ही जन्माष्टमी मनायी

15

डायरी दिनांक १९/०८/२०२२

19 अगस्त 2022
4
1
0

डायरी दिनांक १९/०८/२०२२ सुबह के आठ बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं । माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण आज से ५१३४ वर्ष पूर्व धरा पर अवतरित हुए थे। प्रत्येक कल्प के आठवें मन्वंतर जिसे वैवस्वत मन्वंतर

16

डायरी दिनांक २१/०८/२०२२

21 अगस्त 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २१/०८/२०२२ शाम के पांच बजकर पचास मिनट हो रहे हैं । जब कोई सच सुनने को तैयार ही न हो, उस समय बिलकुल शांत हो जाना एक अच्छा उपाय है। जो अपनी धारणा में किसी भी तरह का सुधार नहीं

17

डायरी दिनांक २३/०८/२०२२

23 अगस्त 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २३/०८/२०२२ रात के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं । परसों दिनांक २१/०८/२०२२ की रात लगभग सबा नौ बजे चचेरे भाई का फोन आया। गांव में परिवार की एक बुजुर्ग ताई जी का देहांत हो गया है।

18

डायरी दिनांक २६/०८/२०२२

26 अगस्त 2022
0
0
0

डायरी दिनांक २६/०८/२०२२ सुबह के सात बजकर छह मिनट हो रहे हैं । कल उपन्यास वैशालिनी के दो भाग लिखकर पोस्ट किये। इस समय प्रतियोगिता अपने अंतिम चरण में चल रही है। इस कारण कुछ अतिरिक्त प्रयास आव

19

डायरी दिनांक ३०/०८/२०२२

30 अगस्त 2022
0
0
0

डायरी दिनांक ३०/०८/२०२२ रात के आठ बजकर बीस मिनट हो रहे हैं । विगत कुछ दिनों से बिल्कुल भी डायरी लेखन नहीं हो पा रहा था। कारण वैशालिनी को पूर्ण करना। उपन्यास लिखते समय भावों को व्यक्त करने

20

डायरी दिनांक ३१/०८/२०२२

31 अगस्त 2022
3
2
1

दिनांक ३१/०८/२०२२ शाम के छह बजकर चालीस बीस मिनट हो रहे हैं । डायरीधीरे धीरे करते करते अगस्त का महीना पूरा गुजर गया। इस महीने में त्यौहारों की अच्छी खासी संख्या रही। स्वतंत्रता दिवस क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए