डायरी दिनांक १६/१०/२०२२
सुबह के नौ बजकर पच्चीस मिनट हो रहे हैं ।
कल दिनांक १५/१०/२०२२ को मेरे पास शब्द इन टीम से फोन आया। मुझे बताया गया कि दिनांक १३/१०/२०२२ को विषय करवा चौथ पर लिखी मेरी कविता मायके में करवा व्रत को दैनिक प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया है। उसी समय शव्द इन के व्हाट्सअप समूह पर भी यह सूचना आयी। शाम होते होते पुरस्कार की राशि रुपये १०० मेरे शव्द इन वालेट में भी आ गये।
विगत कई महीनों से शव्द इन टीम द्वारा मेरे लिखे साहित्य की उपेक्षा हो रही थी। जिस कारण शव्द इन पर आजकल लिखना कम हो रहा है। मासिक प्रतियोगिताओं के लिये लिखी रचनाएं पुरस्कृत नहीं हुईं। साथ ही साथ दैनिक विषयों पर लिखी रचनाओं की उपेक्षा करना भी जारी रखा गया। अप्रेल महीने के बाद मेरी लिखी डायरियाँ भी उपेक्षित हो रहीं थीं। इन कारणों से इस मंच से मन कुछ खिन्न हो रहा था।
इसी दौरान अन्य आनलाइन मंचों पर मुझे पुरस्कृत और सम्मानित करने का दौर चलता रहा। प्रतिलिपि द्वारा सुपर लेखन १ के लिये मेरे उपन्यास दुनिया के रंग को पुरस्कृत कर उसे प्रीमियम में रखा गया। स्टोरी मिरर द्वारा सांझा संकलन में मुझसे अनुरोध कर मेरी कविता को स्थान दिया गया। स्टोरी मिरर द्वारा सांझा संकलन की दस प्रतियां भी बहुत रिहायती दर पर मुझे उपलब्ध करायी गयीं हैं। साथ ही साथ प्रिंट प्रमाणपत्र भी दिया गया है।
रश्मिरथी मंच की आनलाइन पब्लिकेशन की प्रक्रिया कुछ जटिल हो गयी है। इस कारण अभी पुनर्मिलन धारावाहिक का प्रकाशन वहां कुछ रुक रुक कर हो रहा है।
कई महीनों बाद ही सही, शव्द इन टीम ने एक बार फिर से मेरी रचना पर ध्यान दिया है। उम्मीद कर सकता हूं कि भविष्य में भी मेरी रचनाओं पर शव्द इन की संपादक टीम इसी तरह नजर रखेगी।
अभी के लिये इतना ही। आप सभी को राम राम।