जिंदगी की सांस तुमसे है
दूर गई मानो , सहारा ना होगा
जिंदगी की उम्मीद तुमसे है
बिन तेरे हम बिन पानी मछली है
सांस चली और साथ रहे तो जिंदगी
तुम मेरे खुशियों की सौगात हो
दूर ना जाना फिर कभी नहीं पायोगी
मेरा मन मेरा दिल बस तुमसे है
जाने इतना चाहत तुमसे है
तुम्हारे साथ जिंदगी सुकून सी है
वरना जिंदगी में रखा क्या होगा
तुम मुझसे दूर खुद भी खुश ना होगी
तुम हम जिंदगी की सांस और शरीर
सांस बिना तन का क्या होगा
कभी सोच लेना तेरे बिना मेरा क्या होगा
क्या खुश रह पायेगी बिन मेरे से
अगर मुझसे दूर होके खुश हो
तो बेशक मेरे जिंदगी से जाना
मगर कभी पछतावे की बाद ना करना
मै जो जगह दिया हूं हर कोई दे ना पाएगा
पता नहीं क्यू मेरे हर सांस में बसे हो
ना हो मुझे सहन ना होगा
मगर जिंदगी का नाम तुमसे है
जाना है तो तुम मुझसे मिली क्यू हो
जीने की खुशी क्यू सिखाएं हो
पहले ही बता देते ना बसते सांसों में
जीने की वजह क्यू दिये हो
जिंदगी में खुशियां क्यू दिए हो
बोल देती हो चली जाऊंगी करके