हौसला रखो दिल में , हिम्मत की आन रखो
बस कर्म की राह से, खुद को झोंक रखो
मंजिल की क्या मजाल, अपने पास रखो
टूटो ना कभी असफल से, उठने को तैयार रहो
हार कर भी , जीत की उम्मीद बनाए रखो
मंजिल की जिद हार से फिर से लगे रहो
मिटने ना देना खुद की सपने बनाए रखो
मंजिल की जिद से अपनी जिद बड़ा बनाए रखो
जीत का जुनून बस दिल में बनाए रखो
किंचित भय नहीं हार से, जीत की जुनून में लगे रहो
बन के खुद कृष्ण , खुद को कर्म ज्ञान देते रहो
जीत का फैसला , कर्म से तय करते रहो
हर हाल में जीत का शौक में लगे रहो
समस्या की हल निकालने में बस लगे रहो
कर्म की सार से ही हल निकालते रहो
यही है बस कर्म का खेल और कर्म में लगे रहो