ओम् जय गणपति देवा
कोटि कोटि नमन मंगलमूर्ति को
चरण वंदन मेरे प्रभु गणराज की
है बुद्धि की देव मुझ पर भी कृपा करो
मुझे भी भक्ति भाव की वरदान दो
ओम् जय गणपति देवा
कोटि कोटि नमन मंगलमूर्ति को
प्रथम पूज्य मेरे लम्बोदर महराज को
तुम सा माता पिता की भक्ति दो
दूर करो विध्न मेरे विध्नहरण महराज
ओम् जय गणपति देवा
कोटि कोटि नमन मंगलमूर्ति को
माता की द्वारपाल तुम बने देवा
हुआ भीषण संग्राम , गजराज नाम तुम्हारो
रिद्धि सिद्धि के तुम रखवारे देवा
ओम् जय गणपति देवा
कोटि कोटि नमन मंगलमूर्ति को
देवो में पहली पूजा तुम्हारे देवा
बुद्धि विशाल वेद पुराण के रचियता हो
विध्न दूर कर मंगल करने वाले हो