देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुणों से आज हर कोई वाकिफ है. एक बेहद ही साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद मोदी जिस तरह सफलता की सीढ़ी पर चढ़े हैं, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। इस किताब में नरेंद्र मोदी से जुड़ी उस हर बात का जिक्र है, जिसके बारे
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे राजनीतिक उत्थान की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की चौथी किताब है। इस किताब में कृष
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे और द्वारका के संघर्षशील दिनों की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की पांचवीं किताब है।
जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है। जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, औ
"कमलेश्वर के उपन्यासों में काली आँधी का अपना विशिष्ट स्थान है। इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्रित्व काल में इसकी रचना हुई और इसका मुख्य चरित्र उन्हीं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हीं के समान दबंग, उन्हीं के समान दुनिया को प्रभावित करने वाला और मानो आँधी की
पटकथा लेखन एक विशिष्ट विधा है, जिसमें शब्दों की भूमिका पढ़े जाने के बजाय देखने की होती है। मीडिया का क्षेत्र व्यापक होने और विजुअल मीडिया की गतिविधियाँ हमारे यहाँ तेज होने के बाद पटकथा-लेखन एक प्रमुख विधा के रूप में सामने आया और जिन लेखकों ने इस दिशा
संघर्ष, समय और आत्मनिरीक्षण से प्रबुद्ध, नीलोत्पल अपने अनुभवों के सार को आकर्षित करते हैं और एक दिलचस्प कहानी बुनते हैं। जो वास्तव में अनगिनत सपनों की अनकही सच्ची कहानी है। जब आप इस उपन्यास को पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि मुखर्जी नगर में एक तीन मंजिला इम
परम विशिष्ट आध्यात्मिक विभूतियों में से एक श्री श्री परमहंस योगानंदजी द्वारा दी गई शिक्षाएँ तथा कालजयी विचार धर्म, दर्शन, विज्ञान, मनोविज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों के लिए समान रूप से सार्थक और स्तुत्य हैं। उन्होंने विदेशों में क्रिया, योग, विज्ञान तथ
जिन लोगों ने देश को स्वाधीन कराने का स्वप्न देखा, इसकी कल्पना की और दृढ निश्चय कर अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, उनका पुण्य स्मरण करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। उनके बलिदान को आज की युवा पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा परम धर्म है। जिस आजादी की हवा में हम साँस ल
यदि हम साहित्य की रचनाशीलता के परिपेक्ष्य में देखें तो हिंदी समेत सम्पूर्ण भारतीय भाषाओं के आधुनिक काल में ही नहीं वरन किसी भी कालखण्ड में किन्नर समुदाय को लगातार दो बड़ी और महत्वपूर्ण कृतियाँ आजतक किसी और रचनाकार ने साहित्य जगत को नहीं दी हैं।इस संदर
हम सभी के जीवन का सबसे बेफ़िक्र समय हाई-स्कूल का होता है | जहाँ अच्छे नंबर लाने की चिंता से ज़्यादा कॉलेज में जाने की बेचैनी होती है | कोचिंग में पढ़ने कम और दोस्तों के साथ टाइम बिताने ज़्यादा जाते हैं | मुग़ल बादशाहों के नाम याद हो ना हो लेकिन सच
मद्रास की एक सभा में स्वामी विवेकानन्द के परिचय में कहा गया कि वे अपना घर-परिवार, धन-संपत्ति, मित्र बंधु, राग-द्वेष तथा समस्त सांसारिक कामनाएं त्याग चुके हैं। इस सर्वस्वत्यागी जीवन में यदि अब भी वे किसी से प्रेम करते हैं, तो वह भारतमाता है; और यदि उन
दिल्ली से कृष्णा सोबती का रिश्ता बचपन से है। आज़ादी से पूर्व उनका वेतनभोगी परिवार साल के छह माह शिमला और छह माह दिल्ली में निवास करता था। अपने किशोर दिनों में वे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हॉकी खेलती रही हैं। बँटवारे के बाद लाहौर से आकर वे स्थाय
Yashwant Rao Holkar gave direction to the nation. He had planted such a seed of patriotism in the hearts of the masses, that people started raising his voice against english exploitation and atrocities. The Indian dynasty also began to understand tha
The life story of a great warrior who dreamed of becoming a world champion, who gained a new experience from every angle of his struggling life. Hitler was an ambitious man. Subdued by his own ambition, he came up with policies to realize his dream o
त्रिशूल ' के लिए मैं ऐसे व्यक्ति की सुलाश में था जिसे न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मिसाइल युद्ध की ठोस जानकारी हो बल्कि जो टीम के सदस्यों में आपसी समझ बढ़ाने के लिए पेचीदगियों को भी समझा सके और टीम का समर्थन प्राप्त कर सके । इसके लिए मुझे कमांडर एस.आ
भारतीय मूल के प्रवासी मेहरबान सिंह और उनकी पत्नी लिज़ा की इकलौती सन्तान सुनहरी बालों वाली जैनी पूर्व और पश्चिम, देश और विदेश के दोरंगी सम्मिश्रण की अनोखी तस्वीर है। चुलबुली मनमौजी, समझदार और गम्भीर एक साथ। ‘जैनी मेहरबान सिंह’ ज़िन्दगी के रोमांस, उत्
Keep on going , as that is the best way of life, One who tires and stops, can never reach destination. Read more
The story of Jayaprakash Narayan before independence and after independence is almost equally divided. Understanding JP is an essential link for understanding the country. Luminaries of the August Revolution whose life passes from a revolutionary Mar
पराक्रम सिंह जडेजा ने राजकोट में किया दीपक दधोती ने बेलगाम में किया विभोर अग्रवाल ने मेरठ में किया टेक मी होम उन 20 उद्यमियों की कहानी है जिन्होंने अपनी जड़ों के प्रति सच्चे रहते हुए उल्लेखनीय उद्यम बनाए हैं। भारत भर के छोटे शहरों से, वे स्थानीय रूप