किसी से सच ही कहा है की जितना बड़ा चादर हो आप उतना ही पाओ पासारिये, श्याम नाम का एक मध्यम वर्ग का आदमी था वो अपने माँ बाप भाई बहन के साथ बहुत ही खुश था, धीरे धीरे उसकी पढाई खतम होती गई, और उसने अच्छी नौकरी पाने के लिए पूरी तरह से लग गया और उसकी सफलता
7 कहानियों का संग्रह।।
सआदत हसन मंटो की बदनाम कहानियाँ है कि मंटो की यथार्थ और घनीभूत पीड़ा के ताने-बानो से बुनी गयी हैं। 'बू', 'खुदा की कसम', 'बांझा' काली सलवार, समेत कई ढ़ेर सारी कहानियां हैं। इनमें कई कहानियां विवादित रही। 'बू' ने तो उन्हें अदालत तक घसीट लिया था।
मंटो की लोकप्रिय कहानियाँ उतनी महत्वपूर्ण है कि मंटो ने इतने बरस पहले जो कुछ लिखा उसमें आज की हकीकत सिमटी नजर आती है मंटो की लोकप्रिय कहानियाँ उतनी महत्वपूर्ण है कि मंटो ने इतने बरस पहले जो कुछ लिखा उसमें आज की हकीकत सिमटी नजर आती है
एक बहन ही एक बहन की दूनिया में आराम से आग लगा सकती है, जब वह स्वार्थ और वासना के आग में जल रही हो। इस कहानी के माध्यम से लेखक यही बतलाने की कोशिश किया है कि किस प्रकार एक बहन, दूसरी बहन को जिन्दगी तबाह कर देती है।
एक बार मियां शेख चिल्ली अपने मित्र के साथ जंगल में लकड़ियाँ कांटने गए। एक बड़ा सा पेड़ देख कर वह दोनों दोस्त उस पर लकड़ियाँ काटने के लिए चढ़ गए। मियां शेख चिल्ली अब लकड़ियाँ काटते-काटते लगे अपनी सोच के घोड़े दौड़ने। उन्होने सोचा कि मै इस जंगल से ढेर
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है।
एक सच्ची घटना जिसपर विश्वास करना मुश्किल हैं..।
जो छुट गया... छुट गया.... जो हैं उसमें खुश रहो..।
मुल्ला नसरुद्दीन के किस्सों में एक तरफ तो समूची शैली में शासकों द्वारा जनता के शोषण-उत्पीड़न और अधिकारियों की मूर्खता, लालच व बेईमानियों पर तीखे प्रहार हैं, तो दूसरी तरफ सीधे-सादे किसान, मज़दूर और आम जनता की ज़िन्दगी की कशमकश है, साथ ही निकम्मेपन,
अजातशत्रु का मूलाधार भी अंतर्द्वन्द्व ही है। मगध,कोशल और कौशांबी में प्रज्वलित विरोध की अग्नि इस पूरे नाटक में फैली हुई है। उत्साह और शौर्य से परिपूर्ण इस नाटक में चरित्रों का सजीव चित्रण किया गया है। इसके प्रमुख पात्र मानवीय गुणों से ओतप्रोत है।
अपने जीवन में आए एक बदलाव को उजागर करता हैं मेरा ये छोटा सा लेख...।।
कुछ रिश्तों का ...ना नाम होता हैं.... ना पहचान होती हैं... ना कोई मोल होता हैं..।
सिंहासन बत्तीसी/सिंघासन बत्तीसी एक लोककथा संग्रह है। प्रजा से प्रेम करने वाले,न्याय प्रिय,जननायक, प्रयोगवादी एवं दूरदर्शी महाराजा विक्रमादित्य भारतीय लोककथाओं के एक बहुत ही चर्चित पात्र रहे हैं। उनके इन अद्भुत गुणों का बखान करती अनेक कथाएं हम बचपन से
अमृता प्रीतम (1919-2005) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थीं। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे अधिक चर्चित उनकी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' रही। पद्म विभूषण व साहित्य अकादमी
ये दोस्त दोस्तो की हे रितिक ओर विक्की जो सच्छे दोस्त थे जो किसी वजह से अलग हो गए पर ऐसा किया हुआ उनके बीच जो अलग हो गए /एक दिन की बात है जो रितिक ने उसे देखा उसने सोचा यही मेरा सच्चा दोस्त हे उसने इससे दोस्ती करने के लिए बहुत कोसिस की ओर आख़िर कर वो
मालगुडी के सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक आर के नारायण की अनेक रचनाओं में केंद्रीय महत्व प्राप्त एक काल्पनिक शहर (कस्बा) का नाम है। उन्होंने इस काल्पनिक शहर को आधार बनाकर अपनी अनेक रचनाएँ की हैं। मालगुडी को प्रायः दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता ह
संध्या का समय है, डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ से, एक अंग्रेजी ढंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा है। अंग्रेजी ढ़ंग की मनोहर तसवीरें, जो दीवारों से लटक रहीं है, इस समय रंगीन वस्त्र धारण करके और भी
अपराध की और कैसे की खींच जाता है या इस रचना में पूरी तरह बताया गया है कृपया पढे़ और इसकी खामियां बताएं
कभी कभी हम बिना कुछ सोचें समझे मस्ती मजाक में सामने वाले के शरीर को लेकर टिप्पणी कर देते हैं.... उसका क्या असर पड़ सकता हैं... बस ये ही हैं इस छोटे से लेख में...।