ख्वाब...
सुना था स्वर्ग है यहां
धरती पर कहीं
किसी को पता नहीं
ढूंढा कहां-कहां
पाया यहीं
खामोशी उसकी
होले से गुनगुनाई
आंखों में उसकी
मैंने दुनिया पाई
खूबसूरती सारे जहां की
उसमें थी समाई
सोचता हूं वो थी कुछ खास
उसने क्यों बसाए
मेरी आंखों में ख्वाब....