जानता हूं
तुम्हारा प्रवेश
जीवन में
उन प्रेम रचनाओं सा है
जो तुम्हारे ख्यालों में डूबकर
हृदय में उत्पन्न भावों को
पन्नों पर उतारकर
रची हैं
फिर भी समस्याओं के बांध से
मुक्ति मिले
इस जीवन नदिया में
अल्हड़ पहाड़ी झरने सी
आकर मिल जाओ.
20 अप्रैल 2023
जानता हूं
तुम्हारा प्रवेश
जीवन में
उन प्रेम रचनाओं सा है
जो तुम्हारे ख्यालों में डूबकर
हृदय में उत्पन्न भावों को
पन्नों पर उतारकर
रची हैं
फिर भी समस्याओं के बांध से
मुक्ति मिले
इस जीवन नदिया में
अल्हड़ पहाड़ी झरने सी
आकर मिल जाओ.