ऐ पेड़ सुनो
तुम क्यों हो
हमारे स्वभाव से ज्यादा अच्छे
तुम निर्मल क्यों हो
हमारे विचारों से ज्यादा
तुम्हारी ऊंचाई
हमारी स्वनिर्मित ख्याति से ज्यादा है
इसलिए हम मानते हैं
अपने ही जे.सी.बोस का कहना
कि तुम जीवित हो
सांस लेते हो
भोजन भी ग्रहण करते हो
और पत्थर की मार सहकर भी
फल देते हो
यह सद्चरित्र ही तो ईर्ष्या का कारण है
इसी ईर्ष्या के कारण
हम करते हैं तुमसे वाद-विवाद
कुल्हाड़ी की भाषा में
ऐ पेड़ सुना तुमने.......