कुछ गुनगुनाते पल, कुछ मुस्कराते पल,
ख़ुशी का अहसास कराते है,
बारिश की पहली बूँद जैसे मनभावन,
ये पल बार-बार क्यों नहीं आते है,
सोचती हूँ कभी तो उत्तर यही मिलता है,
गर्मी के बिना बारिश का क्या है महत्व,
दुःख के बिना सुख में क्या है तत्व,
बस ऐसे पलों को संजोह लो तुम,
जो गर्मी में भी शीतलता का एहसास दिलाते है,
और अंजानी ही सही अधरों पर अधखिली मुस्कान दे जाते हैं!