28 सितम्बर 2015
सादर श्रद्धांजली
14 अक्टूबर 2015
अब वो कभी नहीं हँसेगी! वो किरण थी, किरण बन कर हमारे दिलों में ज़िंदा रहेगी! ओह्ह वर्तिका जी किरण की रौशनी आपके दिल में महफूज़ है ।...रचना के दर्द को समझ सकती हूँ
3 अक्टूबर 2015
बहुत ही सुन्दर रचना ,बधाई !
28 सितम्बर 2015