हर-क्षण, हर-पल देश के पैरों को जकड़ती ये आरक्षण की आग,
देश का युवा, इसमें जलकर न हो जाये राख,
मेहनत और काबिलियत कि कद्र करो तुम, आरक्षण कर देगा सबको खाक,
हर दिन एक सुअवसर हैं, इसका मूल्य समझो जनाब,
न करो युवाओं को गुमराह तुम,
देश के सिपाहियों में भरो उत्साह तुम,
ले जाए देश को ये प्रगति पथ पर,
ऐसे गीत गुनगुनाओ तुम,
न बांटो, इस देश को जाति-धर्म के नाम पर,
ग़रीबों को मिले लाभ, ऐसे उद्घोष लोगों तक पहुंचाओं तुम,
इस आरक्षण की आग ने बहुतों को जलाया हैं,
अब ये आग न लगाओ तुम|