कविता शीर्षक - मेरे मित्र
भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है ।
ऐसे मित्र जो सबके काम आते है
बहुत थोड़े मिल पाते है ।
दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होती है ।
जीवन के हर डगर काम आकर मित्र का हौसला बढ़ाते है ।
सुख हो या दुख हमेशा मित्र ही काम आते है
बदल जाए जमाना लेकिन पर मित्र कभी नहीं बदल पाते है ।
निंदा करे या करे कोई मजाक बनाता है पर विपत्ति में भी हमेशा ही काम आते है।
अगर मित्र मुसीबत में होगा तो सखा के लिए ढाल बन जाते है ।
जीवन में बुरा वक्त आता है पर दोस्त ही अपना फ़र्ज़ निभाते है ।
मन में हो संकल्प कुछ करने का जोश दोस्त ही आगे ही बढ़ाते है ।
नफा नुकसान ना देखे कभी दोस्त हमेशा साथ खड़ा हो जाते है ।
ऐसे दोस्त हमेशा पास रहे तो उसका कोई कुछ नहीं कर पाते है ।
किस्मत वाले होते है वो लोग जिन्हें सच्चा दोस्त मिल पाते है ।
निभानी है दोस्तो से दोस्ती कवि कौटिल्य कह जाते है
सच्चे और अच्छे मित्र बड़ी मुश्किल से मिल पाते है ।
अपने मित्र के लिए दोस्ती की बगिया को
फूलो से महकते है
भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है ।
ऐसे मित्र जो सबके काम आता है बहुत थोड़े मिल पाते है ।
कवि पवन कुमार शर्मा "कौटिल्य"