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पौराणिक

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पतिव्रता की महिमा जब सुलोचना मेघनाद का कटा सर लेने श्रीराम सेना-दल में जा पहुंची रावण के महापराक्रमी पुत्र इन्द्रजीत (मेघनाद) का वध करने की प्रतिज्ञा लेकर लक्ष्मण जिस समय युद्ध भूमि में जाने

जानिए वो छह काम जो केवल कर सकते थे हनुमानजी?  शिवपुराण के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने वानर जाति में हनुमान के रूप में अवतार लिया थ

अपने वंशजों से क्या चाहते हैं पितर, पितृ गीत भावार्थ सहितविष्णुपुराण में पितरों के द्वारा कहे गये वे श्लोक हैं जो ‘पितृ गीत’ के नाम से जाने जाते हैं । इस गीत से पता लगता है कि पितरगण अपने वंशजों (संता

केकैई रामायण की एक ऐसी पात्र हैं, जिनके बारे में लोगों के विचार, नकारात्मक हैं। रामायण काल से लेकर आज तक, लोगों के मन में महारानी केकैई के लिए नफरत की भावना विद्यमान है, क्योंकि उन्होंने ऐसा कृत्य ही

सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है।मोह सकल ब्याधिन्ह कर मूला। तिन्ह ते पुनि उपजहिं बहु सूला॥काम बात कफ लोभ अपारा। क्रोध पित्त नित छाती जारा॥सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है। उन व्याधियों से फिर और बहुत से

मंदिर जाने के 36 ठोस वैज्ञानिक फ़ायदे मंदिर में कदम रखते ही हमें ईश्वर-भक्ति के अलावा कई चौमुखी लाभ मिलते है, जिनका विवरण नीचे की पंक्तियों मे किया गया है।  मंदिर जाने हमारा सुबह ब्रह्म

भगवान राम की एक बहन भी थीं, लेकिन रामायण में क्यों रहीं गुमनामरामायण के सारे चरित्रों के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं. सबको पता है कि भगवान राम के 3 भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न लेकिन बहुत कम ल

भगवान विष्णु और वृन्दापद्मपुराण (उत्तर खं. अ. 2) वर्णित 'कार्तिक माहात्म्य' मे तथा देवी भागवत (9/16वे अ. से 35वे अ. तक) मे वृन्दा या तुलसी का भगवान विष्णु द्वारा पतिव्रत धर्म भंग किया जाना और उसके पति

   खप्पर पूजा                  ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भी खप्पर पूजा विधिपूर्वक किया करते थे। यह विशेष पूजा आज भी ब्रज म

क्या वास्तव में भूत-प्रेत होते हैंआत्मा के तीन स्वरुप माने गए हैं – जीवात्मा, प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा। जो भौतिक शरीर में वास करती है वह जीवात्मा कहलाती है। जब वासनामय शरीर में जीवात्मा का निवास होत

कहते हैं कि जो गौ माता के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है । पशुओं में बकरी, भेड़, ऊंटनी, भैंस का दूध भी काफी मह

कलयुग में क्या होगा1- कलयुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और जीवन की अववधि दिन-ब-दिन घटती जाएगी. 2- कलयुग में वही व्यक्ति गुणी माना जायेगा जिसके पास ज्यादा धन है.

ब्रज में भी मिल सकता है केदारनाथ धाम यात्रा का पुण्य बहुत से भक्तों की शायद पता ही नही होगा धार्मिक मान्यता है कि 80 वर्ष की उम्र में संतान प्राप्त करने के बाद नंद बाबा और यशोदा मैया ने चारध

  दानवीर कर्ण   जब महाराज युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ पर राज्य करते थे । वे काफी दान आदि भी करते थे । धीरे-धीरे उनकी प्रसिद्धि दानवीर के रुप में फैलने लगी और पांडवों को इसका अभिमान होने लगा ।

हिन्दू धर्म के सात महत्वपूर्ण क्षेत्रभगवान के अवतार के स्थान, विशिष्ट संत-महात्माओं, ऋषियों, मुनियों तथा धर्मात्मा राजर्षियों की निवास स्थली या तप: स्थली को क्षेत्र भी कहा जाता है, जो पवित्र तीर्थ मान

महादेव के रहस्य भगवान् शिवजी पंचदेवों में प्रधान, अनादि सिद्ध परमेश्वर, एवम् निगमागम सभी शास्त्रों में महिमामण्डित महादेव हैं, वेदों ने अव्यक्त, अजन्मा, सबका कारण, विश्वपंच का स्रष्टा, पालक एवम्

*जय श्रीमन्नारायण* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *श्री वृंदावन धाम की जय* अगर कोई कंठीधारी कृष्णभक्त या वैष्णव जो उर्धव-पुन्ड्र वैष्णव तिलक लगाकर किसी के घर भोजन करता है, तो उस घर के 20 पीढ़ियों को मैं (

विज्ञान का महाज्ञाता था रावणएक समय राजा रावण अश्विनी कुमारों से औषधियों के सम्बन्ध में कुछ विचार विनिमय कर रहे थे। वार्ता करते करते रावण का ह्रदय अशांत हो गया। रावण ने कहा कि हे मंत्रियों! मैं भयंकर

पवित्र शंख का महत्व व लाभहिन्दू धर्म में प्रत्येक मांगलिक कार्य के अवसर पर शंख बजाना अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। साथ ही इसके अनेक वैज्ञानिक लाभ भी हैं, जो शंख बजाने वाले को अनायास ही प्राप्त हो

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन4. नकुल। 5. सहदेव( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )य

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