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पौराणिक

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वृक्षों की पूजा-उपासना क्यों?भारतीय संस्कृति में वृक्षों का विशेष महत्त्व है, क्योंकि वे हमारे जीवन के प्राण हैं। पुराणों तथा धर्म-ग्रंथों में पेड़-पौधों को बड़ा पवित्र और देवता के रूप में माना जाता ह

यज्ञ कुंड के प्रकार।यज्ञ कुंड मुख्यत: आठ प्रकार के होते हैं और सभी का प्रयोजन अलग अलग होता है ।1. योनिकुंड – योग्य पुत्र प्राप्ति हेतु ।2. अर्ध चंद्राकार कुंड – परिवार मे सुख शांति हेतु पति-पत्नी दोनो

पूजा से सम्बंधित 30 जरूरी नियमसुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए देवी-देवताओं के पूजन की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है.आज भी बड़ी संख्या में लोग इस परंपरा को निभाते हैं पूजन से हमारी मनोकामनाएं

कर्म नहीं छोड़ते मादा बिच्छू की मृत्यु बहुत ही दुखदाई रूप में होती है। मादा बिच्छू जब अपने बच्चों को जन्म देती है, तब ये सभी बच्चे जन्म लेते ही अपनी मांं की पीठ पर बैठ जाते हैं और अपनी भूख मिटाने

भगवद्गीता के अनुसार परमात्मा के निमित्त किया गया कोई भी कार्य यज्ञ कहलाता है।हमारी प्राचीन संस्कृति को अगर एक हीं शब्द में समेटना हो तो वह है यज्ञ। 'यज्ञ' शब्द संस्कृत की यज् धातु से बना हुआ है जिसका

अंतिम ऋण चिता की लकड़ी    क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं।हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋ

लक्ष्मीजी के स्वरूप में छिपा संदेशसंसार में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो लक्ष्मी की कामना न करता हो । राजा, रंक, छोटे, बड़े सभी चाहते हैं कि लक्ष्मीजी सदा उनके घर में निवास करें । लक्ष्मीजी की आराधना

ध्रुव तारे की कथा:राजा उत्तानपाद ब्रह्माजी के मानस पुत्र स्वयंभू मनु के पुत्र थे। उनकी सनीति एवं सुरुचि नामक दो पत्नियाँ थीं। उन्हें सुनीति से ध्रुव एवं सुरुचि से उत्तम नामक पुत्र प्राप्त हुए। वे दोनो

सेतु निर्माण में गिलहरी का योगदान       सभी गिलहरियां अपने मुंह में मिट्टियां भरकर लाती थीं पत्थरों के बीच उनको भर देती थीं। इस दौरान उन्हें वानरों के पैरों के बीच से होकर गुजरना

कृष्ण और रुक्मिणी का विवाहद्वारका में रहते हुए भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का नाम चारों ओर फैल गया। बड़े-बड़े नृपति और सत्ताधिकारी भी उनके सामने मस्तक झुकाने लगे। उनके गुणों का गान करने लगे।बलराम के बल-व

 मोक्ष का अधिकारी कौन ब्रह्माजी के कुल में एक बड़े ही धर्मात्मा और दानी राजा का जन्म हुआ. उनका नाम वसु था. वसु जहां से भी सम्भव हो ज्ञान इकट्ठा करते रहते थे इसलिये अपने ज्ञान और जानकारी

 पौराणिक ग्रंथ महाभारत की अनसुनी गाथा               {महाभारत के मुख्य पात्र शकुनि की अनसुनी गाथा}गांधारी के भाई और दुर्योधन के मामा शकुनि को कौन नहीं जानता

श्याम बाबा जी का कथा | Khatu Shyam Baba Story in Hindi आपको खाटू श्याम जी बाबा जी के इतिहास के बारे में बताते है इनका प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्तिथ एक पवित्र मन्दिर है जो महाभार

सीता जी के उस तिनके का राज़, जिस से रावण को डराया करती थी।माँ सीता ने सभी को खीर परोसना शुरू किया, और भोजन शुरू होने ही वाला था की ज़ोर से एक हवा का झोका आया। सभी ने अपनी अपनी पत्तलें सम्भाली,सीता जी बड़

व्रत या उपवास कितने प्रकार के होते हैं.. ?व्रत रखने के नियम दुनिया को हिंदू धर्म की देन है। व्रत रखना एक पवित्र कर्म है और यदि इसे नियम पूर्वक नहीं किया जाता है तो न तो इसका कोई महत्व है और न ही लाभ ब

पंचतत्वों में से भोजन,वायु,जल एवं परिवेश का मनुष्य जीवन जितना प्रभाव पड़ता है उससे कहीं अधिक प्रभाव साहित्य का पड़ता है। पहली नजर में साहित्य को मनोरंजन या फिर  कुछ सीमित वर्ग के लोगों के जीवन मे समय बि

बकासुर वध की कथाहिडिम्बा तथा घटोत्कच के चले जाने के पश्चात् पाण्डव अपनी माता कुन्ती के साथ किसी सुरक्षित स्थान की खोज में आगे बढ़े। मार्ग में उनकी भेंट वेद व्यास से हो गई। वेद व्यास ने उन्हें एकचक्रा न

महाकालेश्वर की भस्‍म आरती का राज?महाकालेश्वर मंदिर क्या आपने कभी महाकालेश्वर मंदिर के बारे में सुना है? यह मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ज्योतिर्लिंग मतलब वह स्थान जहां भगवान शिव ने

**नीलवर्णी कान्हा तेरी शरणागत **पग पग पर ठोकर खाई ,जग ने नूतन रीत सिखाई ,उपजी मन में मनो कामना ,शरणागत हूँ मुझे थामना ।जीवन है कठिन पहेली ,जाने कितनी ऋतुएं झेली,त्याग सुख दुख का विचार ,खड़ी हूँ आकुल ते

शिवविवाह कि अद्भुत कथा अवश्य पढे!!!!!! तुलसीदास जी ने जिस तरह से शिव जी के विवाह का वर्णन किया है ऐसा विवाह न हुआ है न होगा! शिवजी आज दुल्हा बने है शिव जी के गण आज शिव जी का श्रृंगार कर रहे

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