यह केवल शब्द नहीं.......🌷🌷 एहसास है हमारे जिसे लोग.......🌷🌷 अल्फाज कहते हैं...🖤
यह एक ऐसी महिला ( बिंदु ) की कहानी है जो खुद अस्तित्व बचाने के लिए अपने गांव से भाग जाती है लेकिन समय के चक्र में वो फिर उस गांव में 15 साल बाद एक डॉक्टर के तौर पर गांव वालो की जान बचाने वापस आने पड़ता है । बिंदु कैसे समाज के संकीर्ण सोच से टकराते ह
इश्क, मोहब्बत, प्यार, लव, प्रेम, चाहत और न जाने कितने ही नाम हैं इस एहसास के... एहसास वो जिसका बखान करने वाले शायर बन गए... एहसास वो जिसे महसूस करके कई आशिक दीवाने बन गए... इसी एहसास की लहरों में हिचकोले लगाती हुई ख्वाहिशों की है य
तीन वर्ष शिक्षक-शिक्षा में कार्य करते हुए शिक्षा के परिप्रेक्ष्य और सैद्धांतिक पक्ष को निकटता से जानने-समझने और अनुभव करने की कोशिश की। अनेक वर्षों तक पेशेवर शिक्षक के रूप में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते
लोकोक्तियों पर आधारित मेरी पहली 'लोक उक्ति में कविता' संग्रह के उपरान्त यह मेरा दूसरा काव्य संग्रह है। इस संग्रह में मैंने बिना किसी भाषाई जादूगरी और उच्चकोटि की साहित्यिक कलाबाजी के स्थान पर दैनिक जीवन की आम बोलचाल की भाषा-शैली को प्राथमिकता दी है।
इस पुस्तक में मैंने अपने अनुभवों के आधार पर कुछ कविताओं एवं शेर ओ शायरियो के माध्यम से प्यार पैसा और परिवार के बिच का समबन्ध बताने का प्रयाश किया हे ! आज के युवाओ को समझना होगा की प्यार पैसा और परिवार तीनो ही जीवन के अभिन्न अंग हे परन्तु इन तीनो में
दस आपराधिक कहानियों का संग्रह मात्र दस रुपये मूल्य में उपलब्ध है।
इस पुस्तक में सरल व सौम्य शब्दों का प्रयोग लेखक के द्वारा किया गया है। पाठको को परेशानी ना हो पढ़ने में। शब्द इतने सरल है कि आपको थोड़ा भी बोरियत महसूस न होगी। इस किताब में आपको एक "माइंड मैप" मिलेगा, जिसको फॉलो करके आप एक अच्छे जीवन को जी पाएंगे। और
प्रिय पाठकों, लघु उपन्यास ‘माही’ मेरा दूसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हो चुका है, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही
साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि
दिल से निकले अल्फाजों को एक तस्वीह में पिरोकर भावनाओं से श्रृंगार किया है। कुछएक चिट्ठियां लिखीं है शर्माजी की याद में! उम्मीद है दिल को छूकर मन को सुकून पहुंचाएगी। कविता और नज़्म से कोरे पन्नों को जज्बातों से रंग दिया है उम्मीद है पाठकों को निराश नह
कुहरा किस्सा है खूबसूरत किरदारों का, किरदारों के जीवन के उतार-चढ़ाव का जब आँखों के आगे सिर्फ कुहरा नज़र आता है और जीवन संघर्ष बन जाता है | तो कुहरा कहानी है किरदारों के संघर्षों का, संघर्षों से निजात पाने वाले प्रयासों का और अनावरत प्रयासों से प्राप्त
एक पिता का अपने बच्चों के प्रति प्यार और त्याग । बच्चों के खुशी में खुश हो जाना , आदि .. जिसे हम लब्जो में बया नहीं कर सकते हैं । पिता की आत्मा महान होता हैं ,उनके गुस्से में ही प्यार छुपा होता है ।
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपने जीवन को दूसरों के लिए होम कर देता है।स्नेहमल नाम का यह व्यक्ति अपने दृढ़ चरित्र से अन्य लोगों के चरित्र को गढ़ता हुआ चलता है।इसके जीवन में कई समस्याएं भी आती हैं लेकिन वह संत स्वभाव का होने के कारण समस्त समस्याओं
इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।
आज अबोध शिशु शिक्षा के बोझ तले दबे जा रहे हैं। चारों तरफ छोटे-छोटे बच्चे तनावग्रस्त दिखाई दे रहे हैं। माता पिता को अपने बच्चों को समझना जरूरी है। इस पुस्तक में दस अध्याय है। आशा है आप सब इस पुस्तक से अवश्य लाभांवित होंगे।
(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि
भारत के कई उल्लेखनीय त्योहारों में से एक है दुर्गा पूजा। यह पूजा हिंदुओं के धार्मिक त्योहारों में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन लगभग 10 दिनों का होता है। भारत में बंगाल और कलकत्ता की दुर्गा पूजा काफी भव्य रुप से मनाई जाती ह
प्रेम से है जीवन प्रेम से है प्यारा हर बंधन प्रेम बिन सुना लगे जहां जुदाई के दर्द से प्रेम का गुलशन वीरान शब्दों के सांचे ढालने एक छोटा सा प्रयास प्यार के खट्टे मीठे कुछ अहसास कुछ सुने कुछ अनसुने से जज्बात प्रेम के निराले रूप मेरे प्रेम का र
आम बोल चाल की भाषा में जब वाद विवाद के दौरान कोई अपनी मर्यादा को लांघने लगता है, अपनी हदें पार करने लगता है तब प्रायः उसे लक्ष्मण रेखा नहीं पार करने की चेतावनी दी जाती है। आखिर ये लक्ष्मण रेखा है क्या जिसके बारे में बार बार चर्चा की जाती है? आम ब