आज के समय में नरेंद्र मोदी एक ज्ञात चेहरा हैं। न
इमरान खान बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीइमरान खान के प्रधानमंत्री पद तक का सफर आसान नहीं था जिसमे कई उतार चढ़ाव है उनकी निजी जिंदगी , और उनकी पत्नियों से उनके बिगड़ते सम्बन्ध हमेशा से चर्चा में रहे है एक शानदार क्रिकेटर से लेकर ,मज़हबी रूढिवादी है, करप्शन के खिलाफ लड़ने वाले इमरान खान की जिंदगी से ज
लोगों का दिल जीतने के लिए आप उन्हें कुछ स्वादिष्ट खिलाएं जिससे वो खुश हो जाएं – पांचवी सदी ईसा पूर्व में एथेंस के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने पर यूनानी नाटककार एरिस्टोफ़ेनस की यह टिप्पणी भारत पर बिल्कुल फिट बैठती है। पिछली सरकार के अंतिम वर्षों के कार्यकाल से हताश जनता
कुलपति साहब तो क्या उस छात्रा को संस्थान की अस्मिता के लिए अपनी अस्मिता क़ुर्बान करनी चाहिए थी ?बीएचयू के मुखिया को ऐसी बयानबाज़ी करनी चाहिए थी ?सभ्यता की सीढ़ियाँ चढ़ता मनुष्य पशुओं से अधिक पाशविक व्यवहार पर उतर आया है साइकिल पर शाम साढ़े छह बजे बीएचयू कैम्पस में हॉस
20 अगस्त, दिन रविवार को पूरे भारत में ‘ सद्भावना दिवस 2017’ (73वीँ वर्ष गाँठ) मनाया गया ।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के वर्षगाँठ को याद करने के लिए सद्भावना (दूसरों के लिए अच्छे विचार रखना) या
दिनांक28अप्रैल2015 एक वर्ष पहले इस देश में एक ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ , जब १६वीं लोकसभा का चयन हुआ ,एक नयी सरकार चयनित हुई और देश में एक विचित्र लहर और ऊर्जा का संचार हुआ , घोटालों की चली आ रही एक सतत श्रखंला को फिलहाल एक विराम लगा , लोगों ने कुछ स्वप्न देखे , एक मूक कार्यालय में मानो प्राण संचारि
आज हम सब जानते है की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में कितने चर्चित है जब वो दूसरे देशो में जाकर भाषण देते है तो सेकड़ो लोगो उनको सुनने के लिए जमा हो जाते है | जब उन्होंने अमेरिका विधानसभा में कांग्रेस को सम्भोधित किया तो उनके भाषण पर 40 से भी ज्यादा बार तालिया एवं 9 बार स्टैंडिंग ओवेशन मि
2014 के लोकसभा चुनाव में भारत की जनता ने भारी बहुमत से गुजरात के मुख्यमंत्री को भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया. शुरू के कुछ सालों में जनता और कई विश्लेषक पीएम के कार्यों का मिला-जुला आंकलन करते रहे, तो कइयों ने उन्हें 'हनीमून पीरियड' के रूप में 'सख्त विश्लेषण' से छूट भी दी. पर अब लगभग ढ़ाई
ब्रिटेन के लोगों के यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में वोट देने के बाद डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। कई देशों के बड़े-बड़े नेता नैतिकता के आधार पर अपने पदों की कुर्बानी दे चुके हैं। लेकिन भारत जैसे देश में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। कैमरन की नैतिकता... क्या भा