20 अगस्त, दिन रविवार को पूरे भारत में ‘ सद्भावना दिवस 2017’ (73वीँ वर्ष गाँठ) मनाया गया ।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के वर्षगाँठ को याद करने के लिए सद्भावना (दूसरों के लिए अच्छे विचार रखना) या ‘समरसता दिवस’ मनाया जाता है । राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना था । भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिए इसे हर साल 20 अगस्त को काँग्रेस पार्टी द्वारा ’केक’ काटकर मनाया जाता है । साल 2008 में, विश्वविद्यालय के प्रांगण में सीओबीएस ईकाई के एनएसएस सवयंसेवक के द्वारा आयोजित रैली में 20 अगस्त को इसको मनाया गया था ।
सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा
“मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों के भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिए कार्य करुँगा । और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरीयों को अवश्य खत्म कर दूँगा ।”
सद्भावना दिवस समारोह : इस दिन पर, देश के अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिता रखी जाती है । इस दिन पर लोग पौधें लगा कर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर के मनाते है । महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दों के बारे लोगों को जागरुक करने के लिए इसको पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है ।
फूलों और पुष्पमाला से राजीव गाँधी की प्रतिमा को सजाया जाता है, इसके साथ ही भारत में पारिवारिक सदस्यों और करीबी सहभागी, मित्र, राजनीति क नेता और काँग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस को मनाया जाता है । राजीव गाँधी के वीर भूमि स्मारक को लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है । वीरभूमि (दाह संस्कार की जगह) पर पुष्पमाला के द्वारा राजीव गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी जाती है । राष्ट्रीय प्रगति के उनके जुनून को पूरा करने के लिए ये दिन मनाया जाता है । उनके 69वें जन्म दिवस पर, लोकनाथ महाराथी के नेतृत्व में भुवनेश्वर में एक सद्भावना साईकिल रैली का आयोजन किया गया था जो पुराने शहर में मौसिमा मंदिर से मास्टर कैंटीन स्क्वैयर (वानीविहार, रसूलगढ़ और कल्पना चौक तक) में काँग्रेस भवन से शुरु हुआ था । भारत में इस अवसर पर कई स्कूलों में स्टूडेंट रैली आयोजित की गई ।
सद्भावना दिवस का महत्व : राजीव गाँधी की याद में हर साल सद्भावना दिवस मनाया जाता है जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था । उनके देश के लिए किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टी को साफतौर पर देखा जा सकता है । उनके सालगिरह पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते है । उनके कहे हुए शब्द बहुत ही प्रेरणादायी थे जो आज भी देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करते है ।
“भारत एक पुराना देश है, लेकिन एक जवाँ राष्ट्र है; जैसा कि हर जगह युवा की तरह, हम आतुर है । मैं जवान हूँ और मैंने भी एक सपना देखा है । मैंने एक ऐसे भारत का सपना देखा है जो शक्तीशाली हो, स्वतंत्र हो, आत्मनिर्भर हो, और मानवता की सेवा में दुनिया के सभी राष्ट्रों में अग्रणी हो ।”
राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार प्राप्तकर्ता :
विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिए 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है । यह पुरस्कार हर वर्ष राजीव गांधी के जन्मदिन पर 20 अगस्त को आयोजित एक समारोह में दिया जाता है । पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और तीन लाख रुपए की धनराशि दी जाती है । 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं -
'राजीव गाँधी राष्ट्रीय पुरस्कार' प्राप्त व्यक्ति | ||||
क्र.सं. | व्यक्ति | क्र.सं. | व्यक्ति | |
1. | मदर टेरेसा | 2. | सुनील दत्त | |
3. | लता मंगेशकर | 4. | उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ | |
5. | के. आर. नारायणन | 6. | जगन नाथ कौल | |
7. | दिलीप कुमार | 8. | मौलाना वहीदुदीन ख़ाँ | |
9. | कपिला वात्स्यायन | 10. | मुहम्मद यूनुस | |
11. | हितेश्वर साईकिया और सुभद्रा जोशी (संयुक्त) | 12. | निर्मला देशपांडे | |
13. | तीस्ता सीतलवाड़ और हर्ष मंडेर (संयुक्त) | 14. | एस. एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और मदारी मोईदीन (संयुक्त) | |
15. | एन. राधाकृष्णन | 16. | डी. आर. मेहता | |
17. | हेम दत्ता | 18. | मुजफ़्फ़र अली (भारत के नामी फ़िल्मकार) | |
19. | गौतम भाई | 20. | स्पिक मैके |
आइए... इस ‘ सद्भावना दिवस ’ पर “सद्भावना प्रतिज्ञा" लेकर, भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिए, एक कदम आगे बढ़ाएँ । ...“एक भारत, अखण्ड भारत"