प्रेम एक प्राकृतिक वरदान है जिसके रूप रंग में हर जिव जंतु मोहित हो कर प्रेम के रंग में रंग जाता है ! प्रेम का स्वरुप किस पर कब मोहित हो जाला कोई नहीं जनता है !इसी से कहा जाता है की" प्रेम भगवन का वरदान होता है" ! भगवान के वरदान को सावित साक्ष एक विचित्र कहानी लिखने के लिए मेरे मन अंकुरित हुआ है जिस कहानी का नाम "प्रेम कहानी "संसार में अमर हो जाये !गर्मी का मौसम दुपहर का समय में एक चाँद का टुकड़ा मनो दूध से धोया हुआ मोहनी एक लड़की एक मेडिकल स्टोर पर अपनी सहेली के साथ खडी मानो मेरी आँखों ने देखा और आँखे देखता ही रह गया !गोरी बदन पे काली बादल की मडराती काली केश मेरी मन को मोहित कर रही थी !एक तो गोरी बदन दूसरी पतली कमर जिस पर गुलावी कुर्ती मानो पुरे बदन को गुलाबी रंग में रंगे जा रही थी !उसकी पतली कमर नागिन की तरह लचकना मेरे तन बदन में बिजली की तरह करेंट माड़ रही थी ! छोटी छोटी आँखे जैसे रात मे चमकता तारो अपनी रंग बिखेर रही हो, पक्षीया हवा पवन की झोको ने उसकी गोरी गालो को चुम रही हो !गर्मी से उसके तन पसीने से मदमस्त जवानी को भिगो रही हो !मेरे तन में कुछ उबाल सी हो रही थी की मेरे निकट आये मेरे मन नदिया की उफान जैसी मन को जला रही हो !उस पल तो मै अपनी सुध बुध खोकर उसे ही देखे जा रही थी !दुनिया की हर संकट को भूल कर प्रेम की गंगा में स्नान कर रहा था !मेरे मन में प्रेम की घंटी बज रही थी !मेरे मन और उसके मन दोनों प्रेम की गंगा मिलन कर रही थी !श्याद ईश्वर का ही देंन थी जो हम दोनों को मिलाया !मेरे मन भगवान को बार बार नमन कर रही थी !सूखा मन में हरियाली ही हरियाली भा रही थी !प्रेम की बंशी बज रही थी !