shabd-logo

"इन बादलों की, फितरत अजीब है।"

18 जुलाई 2022

19 बार देखा गया 19
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
16
रचनाएँ
"निर्मल काव्य-धारा "
0.0
"निर्मल काव्य-धारा" जीवन के विभिन्न पहलुओं के गहन अध्ययन एवं अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर पाठको के समक्ष प्रस्तुत की गयी,काव्य कला का एक अनूठा संगम है। जिसमें कहीं दुनिया के बदलते परिवेश, सच्चे प्रेम की कसक,एवं प्रकृति के सौंदर्य का निरुपम चित्रण किया गया है ।
1

" है, चारों तरफ बिखरी, तेरी रहनुमा"

1 जुलाई 2022
1
1
1

तेरी रचना की खूबसूरती पर , आज नाज, आ गया । तेरी कारीगरी का सचमुच, मुझे अन्दाज, भा गया ।तेरे हाथों की जादूगरी, आज दिल में समा गयी । ऐसा जादूगर न कभी देखा, न सुना ।

2

"मुझ, पत्थरों का भाग्य,क्यूं अनजान है?"

1 जुलाई 2022
1
1
1

मुझ पत्थरों का भाग्य, क्यूं , अनजान है ? मुझे बहती नीर-धाराओं से, क्यूं, प्यार है ?यूं तो मैं, भाता, किसी को हूं, नहीं । फिर मुझे, क्यूं जिंदगी से प्यार ह

3

"शिव शंकर भोले, जग में महादानी हैं।"

1 जुलाई 2022
1
0
0

शिव शंकर भोले, जग में महादानी हैं । शिव शक्ति,शिव जीवन दायक,शिव ही संहारक हैं ।जो भी शिव की शरण में आया । काल उसे, फिर डरा न पाया ।शिव की भक्ति में,

4

"इन बहुमंजिली इमारतों में, खो गया था, मैं।"

2 जुलाई 2022
0
0
0

इन बहुमंजिली इमारतों में, खो गया था, मैं । शायद करवटें, बदल-बदल कर, सो रहा था, मैं ।क्यूं , रास नहीं आती, महानगरों की जिंदगी ? क्यूं , इंसान

5

"मंजिलें नहीं मिलीं, कोई बात नहीं।"

2 जुलाई 2022
0
0
0

मंजिलें नहीं मिलीं, कोई बात नहीं । आज भी हौंसले, आसमां में, उड़ने के रखता हूं ।तकदीर ने बेवफाई की, कोई बात नहीं । आज भी उसे, आगोश में लेने की, चाहत रखता

6

"बस तेरी जुल्फों के, साये में, खो जाऊं।"

2 जुलाई 2022
0
0
0

दिल करता है, इन खूबसूरत नजारों में खो जाऊं, मैं । तेरा हाथ, मेरे हाथ में हो, बस तेरी बांहों में सो जाऊं, मैं ।न कोई मुझे देखे, न मैं, किसी को देख पाऊं । बस तेरी ज

7

"तेरी आंखों में जो, गहरी झील नजर आती है।"

3 जुलाई 2022
2
0
0

तेरी आंखों में जो, गहरी झील नजर आती है । उसे देखकर ये नैनी झील, भी शर्माती है ।खुदा कसम, कुदरत की अनोखी, रचना हो तुम । मेरी जिन्दगी का इक ,सुहाना स

8

"सचमुच वहां पर, लक्ष्मी सुशोभित नहीं होती।"

7 जुलाई 2022
0
0
0

बेटियों की मुस्कुराहट ही, हमारे घरों की शान है । बेटियां ही हमारे घरों की, पहचान हैं ।जिन घरों में, बेटियों की, चहलकदमी नहीं होती । सचमुच वहां पर, लक्ष्मी सुशोभि

9

"इन बादलों की, फितरत अजीब है।"

18 जुलाई 2022
1
0
0

इन बादलों की, फितरत अजीब है । किसी को, खुश करने की अदा, बेहतरीन है ।किसी को, स्नेह जल से, महका जाते हैं । पर किसी का, सब कुछ, बहाकर चले जाते हैं ।को

10

"क्यूं , दुनिया ये ,समझ न पावे? "

30 अगस्त 2022
2
0
0

भाई बहन के प्रेम की, जग में नहीं मिशाल । भाई बिना है, बहन अधूरी।बहन बिना भाई है, सूना । सब रिश्तों में, सुन्दर रिश्ता ।स्वार्थ नहीं है, इसमें टिकता । जरा दर

11

"सांझ ढल चली, कोई संदेश न आया।"

4 अक्टूबर 2022
1
0
0

सांझ ढल चली,कोई संदेश न आया । इंतजार मैं करता रहा,पर उनको, मेरा ख्याल न आया। प्यार करके भूल जाने की , गुस्ताखी क्यूं करते हैं, लोग ? ये सिर्फ बेवफाओं का काम है,जो दिल को

12

"मेरे अरमानों की, अर्थी निकलती रही।"

3 दिसम्बर 2022
0
0
0

सब कुछ बदल गया, वक्त के चलते -चलते । पर हम न बदल पाये, वक्त के चलते-फिरते ।मौसम की तरह, क्यूं, बदल जाते हैं, लोग ? क्यूं, बीच भंवर में, डूबता छोड़ जाते है

13

"राष्ट्रीय बालिका दिवस"

24 जनवरी 2023
1
0
0

बेटियों से, घर आबाद हो चला । बेटियों से संसार, सचमुच सार हो चला । ज़माने में, अब बेटियां, बेटों से कम तो नहीं हैं। हर क्षेत्र में, उन्होंने ही, इक नई दुनिया रची है। फिर क्यूं समाज, बेटियों को अबला

14

"हंसी मुखड़ा मेरे वीरों, दिखा जाते तो क्या होता?"

26 जनवरी 2023
1
0
0

हंसी मुखड़ा, मेरे वीरों, दिखा जाते , तो क्या होता ?       मेरी इस दिल की दुनिया में, समा जाते, तो क्या होता ? न रहता गम ज़माने का, न कोई चिंता ही रह जाती ।      दीवाना देश का, मुझको बना जाते, तो क्

15

"हंसी मुखड़ा मेरे वीरों, दिखा जाते तो क्या होता?"

26 जनवरी 2023
0
0
0

हंसी मुखड़ा, मेरे वीरों, दिखा जाते , तो क्या होता ?       मेरी इस दिल की दुनिया में, समा जाते, तो क्या होता ? न रहता गम ज़माने का, न कोई चिंता ही रह जाती ।      दीवाना देश का, मुझको बना जाते, तो क्

16

"हंसी मुखड़ा मेरे वीरों, दिखा जाते तो क्या होता?"

26 जनवरी 2023
0
0
0

हंसी मुखड़ा, मेरे वीरों, दिखा जाते , तो क्या होता ?       मेरी इस दिल की दुनिया में, समा जाते, तो क्या होता ? न रहता गम ज़माने का, न कोई चिंता ही रह जाती ।      दीवाना देश का, मुझको बना जाते, तो क्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए