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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
अंतिम पंक्ति

पहली पंक्ति उत्साह बढ़ाती है, अंतिम पंक्ति सार बताती है

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दीपावली और सुरन

यह दीपावली में सुरन की सब्जी क्यों बनती है उस पर आधारित हैं

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 आज का जमाना

लोगों की फितरत देख कर के कभी-कभी उसको ऐसा लगता था उसने इस जहां में आकर के एक बहुत बड़ी गलती से करती है न जाने क्यों ऐसा सोचता था पता नहीं इस समाज के संकीर्ण सोच या फिर कशमकश लोगों के ताने।

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17 जून 2022
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अपरिचित

एक ग्रामीण आँचलके परिवेश में जिंदगी की तमाम मुसीबतों को बयां करती दास्तां ...

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1 अध्याय
13 जनवरी 2024
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हल सिंह

एक काल्पनिक कहानियों की श्रृंखला लिख रहा हूं जिसमें सब कहानियां काल्पनिक है जिसका मुख्य पात्र जिसका नाम हल सिंह है जो अपनी बुद्धिमानी से हर समस्या को हल कर देता है गरीबों की हमेशा मदद करता है यदि किसी गरीब के साथ किसी प्रकार का भी गलत होता है तो अपनी

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2 अध्याय
31 जनवरी 2024
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स्पर्श

अनूदित।अनुभूतियां। संदीप शर्मा कृत।।

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11 अध्याय
3 मार्च 2024
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घाट-84, रिश्तों का पोस्टमार्टम

एक कहानी जो सभी को अपनी सी लगती है

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श्राद्ध   कहानी प्रथम क़िश्त

बाबुलाल रायपुर शहर के बहुत धनी इंसान थे। उनके वहां कै राईस मिल व दुकानें थी। जिनका मूल्य 50 करोड़ से कम नहीं था। वे और अधिक कमाने के चक्कर मेँ शेयर मार्केट में अनाप शनाप तरीके से पैसा लगाने लगे । कुछ महीनों बाद शेयर मार्केट ढह गया तो उनके ऊपर

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2 अध्याय
8 मार्च 2022
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एक अमीर बाकी सब गरीब

कहते हैं अगर जेब में पैसा है तो सब कुछ अच्छा लगता है । लेकिन क्या हो जब पैसा इतना हो कि संभाला भी न जाए और किसी को दिया भी न जाए ? विराट जिसकी पहचान थी दुनिया के सामने नकली । आखिर क्या थी उसकी असली पहचान ? और क्यों छुपी हुई थी उसकी असली पहचान । जानने

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14 मार्च 2024
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धर्मपुरा   कहानी प्रथम क़िश्त।

( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म

4 पाठक
3 अध्याय
5 मार्च 2022
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बूढ़ी अम्मा

इस किताब में सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को दर्शाया गया है।मानव विकास तो कर रहा है,मगर रिश्तों की अहमियत को भूल रहा है।

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14 अप्रैल 2024
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दिव्यालोक

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पगडंडी

"पगडंडी" ग्रामीण जनजीवन पर आधारित एक काव्य संग्रह है, जिसमें गाँवों की सहजता, प्राकृतिक सुंदरता, और वहाँ के लोगों की संघर्षमयी लेकिन संतुलित जीवनशैली को प्रस्तुत किया गया है। इस संग्रह की कविताएँ गाँव की पगडंडियों से जुड़ी यादें, किसानों का परिश्रम,

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1 अध्याय
12 सितम्बर 2024
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दो टूक

हिन्दी शायरी

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9 मार्च 2022
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shivduttshrotriya

कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय<br style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: Georgia, Utopia, 'Palatino Linotype', Palatin

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दिल से निकले शब्द

इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏

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ज़िन्दगी.... a life

नमस्कार पाठकों मेरी ये क़िताब आम आदमी के जीवन से जुड़ी बातों को शायरी, ग़ज़ल, नज़्म, कविता के रूप में आप तक पहुँचाने का प्रयास है। प्यार मोहब्बत से लेकर छोटी बड़ी समस्याएं जो देखी है औऱ जो ख़ुद पर बीती है। सभी को एक लहज़ा देने की छोटी सी कोशिश की गई है।इस

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22 जनवरी 2022
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लाज़

“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत को यह शिक्षा देता है, औरत को उसी समाज से अपनी लाज़ को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। यह रचना समा

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3 अप्रैल 2022
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