पहली पंक्ति उत्साह बढ़ाती है, अंतिम पंक्ति सार बताती है
यह दीपावली में सुरन की सब्जी क्यों बनती है उस पर आधारित हैं
लोगों की फितरत देख कर के कभी-कभी उसको ऐसा लगता था उसने इस जहां में आकर के एक बहुत बड़ी गलती से करती है न जाने क्यों ऐसा सोचता था पता नहीं इस समाज के संकीर्ण सोच या फिर कशमकश लोगों के ताने।
एक काल्पनिक कहानियों की श्रृंखला लिख रहा हूं जिसमें सब कहानियां काल्पनिक है जिसका मुख्य पात्र जिसका नाम हल सिंह है जो अपनी बुद्धिमानी से हर समस्या को हल कर देता है गरीबों की हमेशा मदद करता है यदि किसी गरीब के साथ किसी प्रकार का भी गलत होता है तो अपनी
बाबुलाल रायपुर शहर के बहुत धनी इंसान थे। उनके वहां कै राईस मिल व दुकानें थी। जिनका मूल्य 50 करोड़ से कम नहीं था। वे और अधिक कमाने के चक्कर मेँ शेयर मार्केट में अनाप शनाप तरीके से पैसा लगाने लगे । कुछ महीनों बाद शेयर मार्केट ढह गया तो उनके ऊपर
कहते हैं अगर जेब में पैसा है तो सब कुछ अच्छा लगता है । लेकिन क्या हो जब पैसा इतना हो कि संभाला भी न जाए और किसी को दिया भी न जाए ? विराट जिसकी पहचान थी दुनिया के सामने नकली । आखिर क्या थी उसकी असली पहचान ? और क्यों छुपी हुई थी उसकी असली पहचान । जानने
( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म
इस किताब में सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं को दर्शाया गया है।मानव विकास तो कर रहा है,मगर रिश्तों की अहमियत को भूल रहा है।
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"पगडंडी" ग्रामीण जनजीवन पर आधारित एक काव्य संग्रह है, जिसमें गाँवों की सहजता, प्राकृतिक सुंदरता, और वहाँ के लोगों की संघर्षमयी लेकिन संतुलित जीवनशैली को प्रस्तुत किया गया है। इस संग्रह की कविताएँ गाँव की पगडंडियों से जुड़ी यादें, किसानों का परिश्रम,
कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय<br style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: Georgia, Utopia, 'Palatino Linotype', Palatin
इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏
नमस्कार पाठकों मेरी ये क़िताब आम आदमी के जीवन से जुड़ी बातों को शायरी, ग़ज़ल, नज़्म, कविता के रूप में आप तक पहुँचाने का प्रयास है। प्यार मोहब्बत से लेकर छोटी बड़ी समस्याएं जो देखी है औऱ जो ख़ुद पर बीती है। सभी को एक लहज़ा देने की छोटी सी कोशिश की गई है।इस
“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत को यह शिक्षा देता है, औरत को उसी समाज से अपनी लाज़ को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। यह रचना समा