मेरी इस किताब में समाजिक रचनाएं हैं
मुहर्रम :(अरबी/उर्दू/फ़ारसी : محرم) इस्लामी वर्ष यानी हिजरी वर्ष का पहला महीना है। इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं. इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में अपने साथियों के साथ शहीद हो गए
विश्व रक्तदाता दिवस १४ जून को हर वर्ष महादान के साथ हम सभी जानते हैं और हम सभी मानवता के साथ हम सभी मिलकर सरकार और संस्थान के साथ हम सभी देशवासियों को अपने सामर्थ्य अनुसार रक्त दान करना चाहिए आओ पढ़े ।
दृष्टिहीन जीवन तो बहुत कठिन बहुत असहनीय होता हैं हम सभी एक तिनके को आंख में बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं बस ऐसे ही एक लेख मन के अंतर्मन से आज कुछ लिखें।।
स्कूल की ज़िन्दगी कितनी अच्छी होती है ना वहीं यदि स्कूल की लाइफ में किसी सें प्यार हो जाए तो क्या बात है.. ज़िन्दगी में कितना कुछ बदल सा जाता है.. ये कहानी 1992 के दशक की कहानी है जिसमे एक ही स्कुल में पढ़ने वाले मनु और अनु की कहानी है कहानी में प्यार क
आप मेरी इस काव्य सरिता में विभिन्न प्रकार की कविताओं का पाठन कर पाएंगे। मैंने इसमें हर तरह की कविताओं को लिखा है और हर विषय का ध्यान रखते हुऐ रचनाएं की हैं। आशा करती हूं कि आपको मेरी इन कविताओं को पढ़ने में कोई कठिनाई नहीं होगी और यह अच्छी लगेंगी। पा
इक सफर ऐसा भी रहा ए जिंदगी! तेरे दिये हुए हर गम को भुलाने में! भूल कर भी ना भुला पाएँ हम! तेरे दिये हुए हर इक गम को! यह सोचकर शायद कोई कसर तो नहीं रह गई तेरी, ए जिंदगी हमें आजमाने में!
आपने संत महात्माओं नाम सुने होगें! कभी कभार देखें होंगे या नाम सुना होगा! पर मेरे जीवन में मैंने एक महान तपस्वी योगी राज संत सम्राट गुणवंत बाबा श्री क्षेत्र लाखनवाडी इनके क्षेत्र छाया में साक्षात बाबा के साथ साथ अपने जीवन का आधा जीवन काल बिताया है!
मय, मयकश, मयकशीऔर मयखाना यह विषय बहुतो का पसंदीदा विषय है और बहुतो के लिए हमेशा से एक विचारणीय विषय भी रहा है। अनेक रचनाकारों ने इस विषय पर अपनी-अपनी शैली में रचनाओं का सृजन किया। आदरणीय सुप्रसिद्ध कवि श्री हरिवंश राय बच्चन की कलम से इस विषय पर कालजय
यह पुस्तक मूमल और महिंद्रा की अमर प्रेम कथा को प्रस्तुत करती है।मूमल लोद्रवा (जैसलमेर)की राजकुमारी थी और महिंद्रा अमरकोट(वर्तमान पाकिस्तान)का राजकुमार था। पुस्तक दोनों के मध्य पनपते प्रेम मिलन, विरह की कहानी कहती है। यह एक सत्याधृत ऐतिहासिक प्रेम क
ख्यालों में ही गुजर कर ली हमने "ताउम्र" कुछ ही बची है । अब आ भी जाओ रूबरू कर दे , इक बार दिल को । रस्म ए दीदार अभी बाकी है । ✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी 🙏मुझे आशा है की "दिल की आवाज़" आपको पसंद आयेगी ।
इस पुस्तक में कविता व लेख दोनों सम्मिलित हैं। यह भविष्य हेतु दिग्दर्शिका की भाँति है।
इस किताब में केवल एक ही रचना है। उम्मीद करता हूँ सबको पसंद आएगी।
हे भोले नाथ हे शिव हे नीलकंठ तेरी महिमा है अजब निराली ! जाटा से गंगा निकली गले मे सर्पनागधारी , तन बदन भभूती सोभे माला तेरी अजब निराली! तेरी महिमा....... कैलास पर्वत पे इनका है ,डेरा , सर्प फन झुकाबे सुबह और सबेरा सती पार्वती से नेह लगवलन
प्रकृति के तत्वों से बना है शरीर जिसका आधर ही पंच तत्व है देखा जाए तो इन पाँच मुख्य तत्वो के आलावा और भी तत्व है जो इन तत्वों के ही दूसरे रूप है जैसे जल तत्व का दूसरा रूप है बर्फ जैसे आग से बनी है राख या आग की तरह जलता सूरज जैसे आकाश का अंग है ब
ये कहानी है एक जादुई तितली रंगीली और उसके दोस्त टीनू की
किताब जीवन का सच ............ शब्दों के सच से कही गयी हैं हम सभी के समाज से जुड़ाव के साथ है । हमारे दिन प्रतिदिन में प्रेरणा या घटना के लिए अवाज बन कर हम देश या समाज के लिए जागरुक करने लचना माध्यम प्रयास है
राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र) की बेहतरीन ग़ज़लें पढ़िएगा