निराला के काव्य में बुद्धिवाद और हृदय का सुन्दर समन्वय है। छायावाद, रहस्यवाद और प्रगतिवाद तीनों क्षेत्रों में निराला का अपना विशिष्ट महत्त्वपूर्ण स्थान है। इनकी रचनाओं में राष्ट्रीय प्रेरणा का स्वर भी मुखर हुआ है। छायावादी कवि होने के कारण निराला का
'नैहर का बरम' उपन्यास कुछ अलग होने वाला है। हिन्दी में ऐसा उपन्यास अबतक किसी ने नहीं लिखा है। इसमें एक सच्चाई है जिसे कह पाना हर लेखक के जिगरे में नहीं है। इस उपन्यास में लड़कियों के त्रिया चरित्र को उजागर किया गया है। इसे पढ़कर आपके मन में विचार आये
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक अदन की वा
इस एक बालक विक्रम जो अपने घर की तंग हालत में अपने जीवन को बहुत ही कठिन दौर में व्यतीत करता है लेकिन उसके बावजूद भी वह अपनी मेहनत और कर्मों से कभी भी मुंह नहीं मोडता है। वह काफी प्यास करने के बाद जीवन में कैसे सफल होता है।
बर्षा रानी बर्षा रानी, आती हो तुम कितनी प्यारी। छम छम करती डम डम करती, उछल पुछल तुम दिन भर करती। अपने आंचल में तुम सबको भरती, प्रेम सदा तुम सबको करती। सबका खयाल सदा तुम रखती, प्रकृति के आंचल को ढकती। किसानों के खुशी की मुस्कान तुम बनती, फसलों की सि
जब देश सोने की चिड़या कहलाता था तब देश में मुगल आये अंग्रेज आये ओर देश को लूट कर चले गये । और तब का हिंदुस्तान कुछ न कर सका । आज फिर एक बार भारत सोने की चिड़या बनने जा रहा 5000 मिलियन की इकॉनोमी भारत की होने जा रही है मगर वही एक बार फिर देश को विदेशो
राजकुमार एक बिगडैल रईस जादा है। रैश ड्राइविंग उसका शगल है। जिसके कारण वह कई लोगों को घायल कर चुका है। पर वह अपने पैसों के बल पर कानूनी कार्यवाही से बचा हुआ है। एक रात जब वह क्लब से नस्जे की हालात पर घर आ रहा था की उसकी कार से एक रिक्शा वाले को चोट
सन्दर्भ- प्रस्तुत पद 'हिन्दी काव्य' में संकलित एवं मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित खण्डकाव्य 'पंचवटी' से लिया गया है। प्रसंग- यहाँ कवि ने पंचवटी के प्राकृतिक सौन्दर्य का सजीव चित्रण किया है। व्याख्या- गुप्त जी कहते हैं कि सुन्दर चन्द्रमा की किरणें जल और
सिफारिश लोगों की कमजोरी को दर्शाती है जमीर इजाजत न दे फिर भी इसकी लत लग ही जाती है। इश्क की सिफारिश में लाखों बर्बाद हुए ऑंसुओं की बारिश में अनेकों दिल तबाह हुए । सिफारिश की थी खुदा से मैंने मेरे महबूब को उसका इश्क
पुरुष का जीवन कुछ बाते जाने क्या कहता उसका मन कुछ उनके लिए बात समझे वो भी दूसरों के जज़्बात
साहित्यकारों के लेखकीय अवदानों को काव्य हिंदी हैं हम श्रृंखला के तहत पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। हिंदी हैं हम शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- मुदित, जिसका अर्थ है प्रसन्न होना, खुशी। प्रस्तुत है मैथिलीशरण गुप्त के काव्य सैरंध्री (द्रौपदी
गुप्त जी कवि की यह भी अधिमान्यता है कि उसकी मातृभूमि की धूल परम पवित्र है। यह धूल शोकदार में दहते हुए प्राणी को दुःख सहने की क्षमता देती है। पाखण्डी-ढोंगी व्यक्ति भी इस धूली को तन-माथे लगाकर साधु-सज्जन बन जाता है। इस मिट्टी में वह शक्ति है जो क्रूर ह
मुलायम सिंग बहुत ही कडक स्वभाव के पोलिस अधिकारी थे। उनके पुत्र संजय सिंग व पुत्री नेहा सिंग उनसे बेहद डराते थे। संजय क्रिकेट का बेहतरीन खिलाड़ी था पर उनके पिता उन्हें क्रिकेट खेलने से मना करते थे वहीं पुत्री नेहा सिंग नृत्य सीखने पूना जाना चाहती थी
इस कविता का सारांश यह है कि , एक पुष्प जिसका प्राकृतिक इस्तेमाल , सुन्दर स्त्रियों पर सुशोभित होना , प्रेमिकाओं के गले की माला बनना , भगवानों की मूर्तियों पर चढ़ाया जाना और सम्राटों के शव पर डाला जाना है। वह पुष्प इस सब को छोड़ कर अपने आप को देश पर ब
*😢😢6 दिसम्बर 1956 राजधानी दिल्ली, रात के 12 बजे थे।* 🌗🌗 *☎️रात का सन्नाटा और अचानक दिल्ली, मुम्बई, नागपुर मे चारों ओर फोन की घण्टियाँ बज रही थी।* *🤫राजभवन मौन था,* *🤫संसद मौन थी,* *🤫राष्ट्रपति भवन मौन था।* *👨🦰👩🦰हर कोई कशमकश मे था।* *🔥शायद कोई
इस पुस्तक के भीतर आलोचना को निमित्त मानकतर गद्य में स्वतन्त्र कविताएँ रची हैं। इस पुस्तक के भीतर आलोचना नहीं, स्वतन्त्र काव्य का रस है। यह पण्डित का तर्क नहीं, कवि की वाणी का प्रसाद है। जिस प्रकार माखनलालजी की कविता और वार्ताएँ रसपूर्ण, किन्तु धुँधली
एक वैभवशाली राजा जिसके एक ही पुत्र था। आने राज्य में अपने न्याय के लिए मशहूर राजा प्रजा के लिए बहुत ही अच्छा था। राजा का पुत्र सुभद्र देव बचपन से परकर्मी और मेधावी था। लेकिन एक राजकुमारी कें प्रेम में फंसकर वो एक प्रतियोगिता हार जाता है और इस हार से