बहु और बेटी दोनों में फर्क दिखता हैं.... बेटा और दामाद दोनों में फर्क दिखता हैं....।। आज भी हमारे समाज में ऐसे ना जाने कितने ही परिवार हैं.... जो ऐसी मानसिकता के साथ चल रहे हैं...।।।। इसी पर आधारित हैं मेरी ये छोटी सी कहानी...।।।
इस पुस्तक में कविता व लेख दोनों सम्मिलित हैं। यह भविष्य हेतु दिग्दर्शिका की भाँति है।
एक ऐसी लड़की की कहानी जिसने अपने पिता का मान रखने के लिए अपने प्यार को ठुकरा दिया और साध्वी बनकर समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी ।।
बहुत सोच विचार किया क्या मैं उपन्यास लिखूं लेकिन किसी तरह निश्चय कर सका फिर एक पुरानी डायरी ढूंढने लगा तो टेबल के नीचे के ड्रॉर में मुझे अपनी दीदी की ढेर सारी चिट्टियां मिल गई उन चिट्ठियों के मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी इसलिए थोड़ा आश्चर्य हुआ फिर
सुरसुन्दरी नारी होकर तेरे यह भाव सराहनीय है पुरुष धर्म कठोरता है तो नारी का धर्म कामनीयता और कोमलता है तो स्त्री धर्म दया है पुरुष का धर्म उठना है तो स्त्री धर्म सर्वज्ञान है इन विरोधी गुटों के बीच नारी वास्तविक रूप कैसे प्रकट हो सकता है जो पति स्नेह
डॉ. कुँअर बेचैन निस्संदेह वर्तमान दौर के सर्वश्रेष्ठ कवि और शायरों में से एक हैं. प्रेम और संवेदना के बारीक धागों से बुनी गई उनकी रचनायें किसी का भी मन मोह सकतीं हैं. काव्य-पाठ की उनकी शैली भी उन्हें लोकप्रिय बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. दोनो
कविता, संस्मरण, साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। अपने जीवन काल में उन्होंने ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के जिसे 'कविता इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए उन्होंने गांव-गांव जाकर, रात-रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर सोहर और विवाह गीतों को सुना
समाज का आइना है मानव जीवन और मानव जीवन को सुचारू रूप से चलाने हेतु अनेकानेक संसाधन प्रकृति ने प्रदान किया है। समाज में रहने के लिए शिक्षा, दीक्षा, धर्म, कर्म, संस्कृति, सभ्यता, मानवता, ज्ञान, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से विविधता में
यह पुस्तक कविताओं का संकलन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाती है। इस पुस्तक में मेरी स्वरचित मौलिक रचनाएं है।
छायावादी कवि डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने अपनी दिलकश कविताओं से लोगो का मन आकर्षित और प्रात्साहित करने की पुरजोर कोशिश की है. उनकी कृतियों में हमेशा एक आशा का दीपक जलते हुए नज़र आता है. हिंदी काव्य के समुद्र में से हरिवंश राय बच्चन जी की कुछ चुनिन्दा और ख़
किसी से सच ही कहा है की जितना बड़ा चादर हो आप उतना ही पाओ पासारिये, श्याम नाम का एक मध्यम वर्ग का आदमी था वो अपने माँ बाप भाई बहन के साथ बहुत ही खुश था, धीरे धीरे उसकी पढाई खतम होती गई, और उसने अच्छी नौकरी पाने के लिए पूरी तरह से लग गया और उसकी सफलता
मधुशाला हिंदी के बहुत प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन (1907-2003) का अनुपम काव्य है। इसमें एक सौ पैंतीस रूबाइयां (यानी चार पंक्तियों वाली कविताएं) हैं। मधुशाला बीसवीं सदी की शुरुआत के हिन्दी साहित्य की अत्यंत महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें सूफीवाद
श्रीलाल शुक्ल जी का राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता अनावृत करता है। उनका सबसे लोकप्रिय उपन्यास राग दरबारी 1968 में छपा। राग दरबारी का पन्द्रह भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी में भी अनुवाद प्र
समाज में एक औरत जो शादी शुदा होने के बाद भी इश्क़ में इसलिए पड़ जाती हैं कि उसे अपनी हसरतें, उमंगों की चाह को पूरा करना होता हैं यहीं हल इस कहानी की संध्या का हैं जो अपने प्रेमी के साथ नई ज़िन्दगी की शुरुआत करती हैं.. लेकिन वो 35 साल बाद फिर क्यों अपने
जीवन-परिचय-शमशेर बहादुर सिंह हिंदी-साहित्य की नई कविता के प्रमुख कवि माने जाते हैं। इनका अज्ञेय के तार सप्तक में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका जन्म13 जनवरी, सन 1911 ई० को उत्तराखंड के देहरादून जिले के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनकी प्रारंभ
एक जमाने मे गांव के जाने माने बड़े जमींदार कहे जाने वाले नंद चौधरी की दूर - दूर तक बहुत पुछ थी। कोई भी पंचायत और सलाह के लिए लोग पूछा करते थे । नंद चौधरी के एक सगा बड़ा भाई भी थे जिनका नाम किशोर चौधरी था जो सिपाही मे कार्यरत थे, इस लिए घर की सारा जिम
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक
मनुष्य के जीवन में सफलता हासिल करने के बहुत से मौके आते हैं। जिनमें वह एक सफल व्यक्ति बनकर सफलता हासिल कर सकता है। मनुष्य अपनी किस्मत को स्वयं बदल सकता है। मनुष्य के जीवन का लक्ष्य और उसके अनुरूप उसकी मेहनत उसके जीवन में दीपक बनकर उजाला करने के लिए प