हिन्दी फ़िल्मों की संवेदनशील अभिनेत्रियों में शुमार ‘रंगीला गर्ल’ उर्मिला मातोंडकर का जन्म मुंबई में 4 फरवरी, 1974 को हुआ| अपने हिंदी फिल्मी जीवन की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप मे १९८० की फिल्म 'कलयुग' से करने वाली उर्मिला का चेहरा आपकी स्मृति में शेखर कपूर की फिल्म मासूम के गाने ‘लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा’ का जिक्र करने पे सहज ही आ जाता होगा| एक सम्पूर्ण अभिनेत्री के रूप मे उर्मिला मातोंडकर हालाँकि १९९१ की फिल्म 'नरसिम्हा' मे आईं लेकिन १९९५ में फिल्म रंगीला की बड़ी कामयाबी ने उन्हें लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंचा दिया| उल्लेखनीय है कि १९९७ में फिल्म जुदाई में श्रीदेवी जैसी उम्दा अदाकारा होने के बावजूद उर्मिला मातोंडकर ने न केवल अपने अभिनय से सभी को प्रभावित किया वरन इस फिल्म में अपनी सशक्त उपस्थिति भी दर्ज़ कराई| साथ ही फिल्म चाइना गेट के आइटम गीत ‘छम्मा छम्मा बाजे रे मेरी पैजनियाँ’ में उर्मिला के नृत्य ने खासी चर्चा बटोरी जिसके बाद उर्मिला को ‘रंगीला गर्ल’ के बाद ‘छम्मा छम्मा गर्ल’ का भी नाम मिला| बाद की अन्य फिल्मों सत्या, प्यार तूने क्या किया, एक हसीना थी, ख़ूबसूरत, जानम समझा करो, भूत, तहजीब, जंगल एवं पिंजर में भी उर्मिला मातोंडकर के अभिनय को बहुत सराहा गया| भूत फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय हेतु उर्मिला ने बेस्ट एक्ट्रेस-क्रिटिक्स का फिल्मफेयर अवार्ड भी हासिल किया वहीं रंगीला(बेस्ट एक्ट्रेस), जुदाई(बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस), सत्या(बेस्ट एक्ट्रेस), प्यार तूने क्या किया(बेस्ट विलेन), भूत (बेस्ट एक्ट्रेस) और एक हसीना थी (बेस्ट एक्ट्रेस) के लिए फिल्मफेयर पुरस्कारों हेतु नामांकित भी की गईं
उर्मिला मातोंडकर को उनके
जन्मदिन पर बहुत-बहुत बधाई !!!