न जन्म न मृत्यु बस शुद्ध आत्मा
करोड़ों के आँखों में छलका गया आंसूं
और कर्म ऐसा की, है विश्व नतमस्तक
इतिहास में अंकित वो ज्ञान पिपासु
कोई ख़ास नहीं वो, है आदमी वो आम
भारत के विचारों को दिया नित नया आयाम
कोई एपीजे कहता है , कहता कोई है कलाम
उस कर्मयोगी को है मेरा दंडवत
जीवन ही जिसका है एक सत्य शाश्वत