संघर्ष जो होता जीवन का सिद्धांत तो ये कहता है
जो सबल हो जीत उसी के पाले में रहता है
गर ऐसा है तो गरीब तो होना है बैमानि
क्या रखा जीने में होके निरीह सा प्राणी
नहीं खौलेगा खून तो क्या होगा तुम्ही बतलाओ
कैसा विकास कैसी उपलब्धी हमको भी जरा समझाओ
तेरा पिज़्ज़ा तुज़हे सलामत और सलामत बर्गर
कबतक तेरे पाखंडो से बैठा रहूँ मैं डरकर
मैं तो तुमसे ले ही लूंगा अपनी रोटी लड़कर
अब तो छीनूँगा तुमसे अपना सम्मान मैं बढ़कर ......