प्रशांत अपने ऑफिस में बैठे हुए बोर हो रहा था । आज ऑफिस में उतना काम नहीं था । वह कुर्सी पर बैठे हुए इधर-उधर ऑफिस में देख रहा था और अपने मन को बहला रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था ऑफिस में । उसने एक बार फिर इधर - उधर देखा फिर वो सामने रखी प्रतीक्षा की फोटो को उठाकर देखने लगा । जिसमें प्रतीक्षा चांद को देख रही थी ।
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