प्रशांत अपने ऑफिस में बैठे हुए बोर हो रहा था । आज ऑफिस में उतना काम नहीं था । वह कुर्सी पर बैठे हुए इधर-उधर ऑफिस में देख रहा था और अपने मन को बहला रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था ऑफिस में । उसने एक बार फिर इधर - उधर देखा फिर वो सामने रखी प्रतीक्षा की फोटो को उठाकर देखने लगा । जिसमें प्रतीक्षा चांद को देख रही थी । यह फोटो प्रशांत ने तब ली थी जब प्रतीक्षा चांद को देख कर उससे बातें कर रही थी । वह अक्सर चांद से बातें करते रहती थी जब वह कुछ उदासी होती थी तो । वह चांद को गौर से देखते रहती और उसके दिमाग में चांद में तरह-तरह के चित्र उभर कर आ जाया करती थी । कभी गाय की , कभी पहाड़ की , कभी पेड़ - पौधे और पक्षियां इत्यादि ऐसी बहुत सारी चीजें वह चांद में देखते रहती थी । इस फोटो में वह बहुत क्यूट लग रही थी । प्रशांत .... प्रतीक्षा की फोटो लेकर उसे देखते हुए मुस्कुराने लगा । उसे वह दिन याद आने लगी । जब वह प्रतीक्षा से शादी नहीं करने के लिए अपने घर वालों से कितने सारे बहाने बनाए थे । सबसे अच्छा बहाना शादी नहीं करने का यह था कि यह ( प्रतिक्षा ) अभी छोटी है , बिल्कुल किसी बच्ची की तरह है और मेरे से तो यह लड़की 9 साल छोटी है । मैं इससे शादी नहीं करूंगा । मुझे किसी बच्ची से शादी नहीं करनी , एक तो आप लोग बोल रहे हो कि मैं अपना ध्यान नहीं रख रहा हूं ... तो मुझे अब शादी कर लेनी चाहिए ... ताकि मेरा ध्यान मेरी वाइफ रखेगी , और खुद आप लोग मेरी शादी एक बच्ची से कर देना चाहते हो । इससे मेरी शादी मेरा ध्यान रखने के लिए कर रहे हो या मेरे से इसकी शादी इसका ध्यान रखने के लिए कर रहे हो ? यह बात मुझे समझ नहीं आ रही है । शादी करने के बाद तो मेरी पूरी जिंदगी इसकी केयर करने में ही बित जाएगी । यह कैसे कर सकती है मेरा केयर ? प्रशांत अपनी मॉम पर गुस्सा हो रहा था । क्योंकि वह शादी नहीं करना चाहता था । प्रशांत को शादी के नाम से ही चिढ़ हो गई थी ।
प्रशांत को गुस्से में देख कर उसकी मां उसे डांटते हुए कहती है ー तुझे शादी तो करनी ही पड़ेगी । देखती हूं इस बार तूम यह शादी कैसे नहीं करते हो ? तू यह सोच रहा है ना हर बार की तरह इस बार भी तू इस शादी से भी अपना पीछा छुड़ा लेगा । तो यह तुम गलत सोच रहे हो । इस बार तेरी एक भी नहीं चलेगी । चाहे तू कुछ भी कर ले . . . . कोई भी धमकी दे दो मुझे ।
प्रशांत बार-बार यह बात सुनकर परेशान हो कर बोला ー मॉम आप आखिर मेरी शादी एक बच्ची जी क्यों करना चाहते हो ? क्या मिलेगा आप लोगों को मेरी शादी उससे करके ? क्यों मेरे मत्थे मढ़ रहे हो उसे ? मेरी जिंदगी के साथ-साथ आप लोग उस लड़की की भी जिंदगी बर्बाद करने पर क्यों तुले हो ? मैं आखरी बार आपसे कह रहा हूं मॉम , आप एक बार सोच लो । शादी के बाद मैं एक पल के लिए भी उसके साथ नहीं रहूंगा , क्योंकि मुझे बच्चे को संभालना नहीं आता है ।
प्रशांत थोड़ी देर रुक कर फिर बोला ー ठीक है माॅम --- आप शादी करना चाहते हो ना मेरी । आप करो .... अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है . . . . कि मेरी शादी किससे और कैसी लड़की के साथ हो रहा है ? शादी आपको करनी है , आप कर रहे हो और आपको ही संभालना भी पड़ेगा । मुझे किसी भी तरह की शादी में कोई इंटरेस्ट नहीं है ।
प्रशांत से ऐसी बातें सुनकर उसकी मॉम थोड़ी ऊंची आवाज में बोली ー वह तो तेरी शादी इसी लड़की ( प्रतीक्षा ) से ही होगी और मैं देखती हूं कि तू क्यों नहीं करता है ? और किस तरह नहीं करता है ? तुम्हें शादी भी करोगे , इसे निभाओगे भी और प्रतीक्षा का ख्याल भी रखोगे । आज जो तुम मुझे अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा दुश्मन समझ रहे हो ना , वही कल को तू मेरी इस फैसले से बहुत ज्यादा खुश होगा , और तू मेरा शुक्रिया अदा भी करेगा ।
प्रशांत को तो अपनी मॉम की बात सुनकर गुस्सा बहुत आ रहा था , लेकिन अब वह करें भी तो क्या करें । वह बुरी तरह से फंस चुका था इस शादी के चंगुल में । प्रशांत अपनी मॉम के सामने हार मान लेता है और प्रतीक्षा से शादी करने के लिए मान जाता है ।
प्रशांत अपने मॉम के सामने हार मान लेता है और प्रतीक्षा से शादी करने के लिए मान जाता है , लेकिन अंदर ही अंदर वह यह फैसला कर चुका था , कि वह प्रतीक्षा से बिल्कुल भी किसी भी तरह का कोई भी कनेक्शन नहीं रखेगा । दुनिया के लिए वह मेरी वाइफ होगी , लेकिन मेरे लिए नहीं । बेशक इसमें इस लड़की का कोई दोष नहीं है । इसमें उसकी कोई गलती नहीं है , लेकिन उसकी मदद भी नहीं करूंगा । कभी भी और किसी भी तरह का । लगातार ऐसे करते रहने पर वो एक न एक दिन मुझे छोड़ ही देगी । आखिर कब तक झेलेगी मुझे । जाहिर सी बात है वह मुझे ज्यादा दिन तक तो झेल नहीं पाएगी , क्योंकि वह छोटी है और छोटे बच्चों को तो खेलना , शोरगुल करना , उछल कूद करना और ढेर सारी बातें करना पसंद होता है और खूब हंसना वह भी छोटी-छोटी बातों पर , और मैं उसे बिल्कुल भी नहीं करने दूंगा ये सब अपने साथ । इनफैक्ट मैं तो उसे देखूंगा तक नहीं । वो ये सब बात गुस्से से चिढ़ कर बोल रहा था ।
क्रमश :
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