अब तक आपने देखा ...
प्रतिक्षा के पापा कुछ बोले नहीं , वो बस हाँ में अपना सर हिला कर , भारी कदमों के साथ अंदर रोते हुई औरतों के पास आए और बोले — विदाई का समय हो गया हैं ... और इतना कह कर वो भी प्रतिक्षा को गले से लगा कर रोने लगे । कुछ देर तक वहां का माहौल बेटी को किसी और के हवाले सौपने के वजह से गमगीन था ।
अब आगे
जिस बेटी की वो कल तक अपने आँखों के सामने , घर में उधम मचाते हुए देखते थे , उसके सौ नाज - नखरे उठाते आये थे , और जिसके बिना उन्हे अपना घर सुना - सुना लगता था । आज उसी को यहाँ से हमेशा के लिए किसी और के साथ भेज रहे थे ।
कुछ देर बाद प्रतिक्षा की विदाई भी हो गई ।
प्रशांत प्रतिक्षा के माँ - पापा के घर से विदा लेकर प्रतिक्षा को अपने साथ अपने घर के लिए निकल गया ।
आज से इन दोनों के जीवन की एक नई शुरूआत होने जा रही थी । कार के पीछे वाली सीट पर दोनों बैठे हुए थे , और आगे के सीट पर प्रशांत के दो दोस्त थे , जिसमें से एक कार ड्राइव कर रहा था और एक जो खाली बैठा था , वो बस एक के बाद एक सॉग चेंज किये जा रहा था , ठीक से एक भी गाना नहीं बजने दे रहा था । प्रशांत और उसका दोस्त , दोनों को ही उसके लागातार ऐसे करने पर खीज गए थे , लेकिन प्रतिक्षा के वजह से वो अभी तक बचता आ रहा था दोनो से , जो बार - बार साँग चेंज कर रहा था । 😀 दोनो बस घूर - घूर कर देख रहे थे । जब प्रशांत के दोस्त से नहीं रहा गया , तो वो ये बोलने वाला था कि , कोई तो सॉग ठंग से सुन लेने दो । क्यों बार बार चेंज कर दे रहे हो ? अभी वो ये सोच ही रहा था बोलने को , तभी जो सॉग चेंज कर रहा था , उसने प्रशांत और कार डारव करते हुए अपने दोस्त से कहा — ये ... ये .. मिल गया मुझे ... तब से ढुंढ़ रहा था इस गाने को और वो इतना कह कर सांग प्ले कर देता है ।
चले आओ पास मेरे
थोडा और , थोडा और
थोडा और
सॉन्ग का पहला लाइन सुनते ही , आगे बैठे दोनों दोस्त एक दूसरे को तिरछी नजर देखते हुए मुस्कुरा दिये और फिर पिछे मुड़ कर झुठ - मुठ का खांसते हुए प्रशांत के तरफ देखे । प्रशांत का इस समय का चेहरा देख कर दोनों को हंसी आ गई । दोनो अपनी हंसी कंट्रोल करने के लिए एक ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया और दूसरा जोर से अपने दोनों होठों को आपस मे दबा लिया ।
ज़रा सी बात है
समझते क्यूँ नहीं
तेरे बिन मैं नहीं
मेरे बिन तू नहीं
मेरे हो जाओ ना
सुनो थोडा और
चले आओ पास मेरे
थोडा और, थोडा और
थोडा और
ज़रा सी दूरियां भी
नहीं तुमसे गवारा
हाँ ऐसे प्यार हमको
नहीं होगा दोबारा
प्रशांत को गुस्सा तो बहुत आ रहा था , लेकिन वो प्रतिक्षा के वजह से अपना गुस्सा दबा कर रह जाता है ।
ऐसे ही रास्ते भर दोनों दोस्त , प्रशांत को परेशान करने के लिए , कई सारे सॉन्ग प्ले करते गए , एक के बाद एक । जैसे — ( तू सफर मेरा , तू ही मेरी मंजिल ... )
( तेरी मासूमित ने मुझे , बंजारा बना दिया .... )
( कच्ची डोरियों - डोरियो - डोरियों से ,
मैनू तू बांध लै . . . )
ऐसे ही करते हुए ये लोग , प्रशांत के घर पहुंच गए ।
क्रमश: