अब तक आपने देखा
जहां तक मैंने सुना और देखा भी है , कि न्यू ब्राइडल डरी -सहमी सी रहती है और शरमाती भी हैं , अपने नये घर में , नये लोगों से मिलकर । यहां तक कि वो बात भी नहीं करना चाहती हैं किसी से और इसे देखों ... इसे देखकर तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा है कि ये यहां नई है और आज ही आई है यहां ।
अब आगे
प्रशांत इसी सोच में गुम था । वह खुद से कह रहा था कि बात तो ऐसे कर रही है ये लड़की , जैसे कि मैं उसका दोस्त हूं , वो भी बहुत पुराना । कोई भला ऐसे कैसे हो सकता हैं ! , थोड़ी सी तो झिझक होना ही चाहिए । इतना तो हर किसी में होता हैं । लेकिन ये ... ये तो एकदम अलग हैं . . .
थोड़ी देर बाद प्रतीक्षा चेंजिंग रूम से बाहर आई , तो प्रशांत दूध का ग्लास लिए हुए , खिड़की के पास खड़ा था । उसने जब पायल की आवाज सुना तो वो पीछे मुंडा फिर प्रतिक्षा के पास गया और उससे थोड़ी सी दूरी बनाकर खड़ा गया , फिर दूध का ग्लास प्रतिक्षा के तरफ करके उससे कहाँ — तुम पी लो मुझे नहीं पीना ... !
प्रतिक्षा प्रशांत की ये बात सुनकर अपनी आँख और नाक सिकुड़ कर उसके तरफ देखते हुए उससे कही — लेकिन क्यों ... ? पहले मैंने कहाँ है आप से !! इसे आप ही पियों ।
प्रशांत को प्रतिक्षा से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो ऐसे भी बोल सकती हे । वो भी शादी के पहले दिन ही ।
प्रतिक्षा को ऐसे बोलते देखकर , प्रशांत बात को आगे नहीं बढ़ाने के लिए उससे बोला — तुम पहले आधा दूध पी लो , फिर मैं पी लूंगा ... ओके !
प्रतीक्षा प्रशांत की बात सुनकर अपनी आँखे बड़ी - बड़ी करके — हे ऽऽ हे ऽ ऽ ये क्या बात हुई ?
प्रतीक्षा इससे आगे कुछ और बोलती , इससे पहले ही प्रशांत ने सर्द लहजे में उससे कहा — पी लो .. ।
तब क्या था प्रतीक्षा प्रशांत की भारी - भरकम आवज सुन कर , तुंरत उसके हाथ से दूध का ग्लास ली और फिर आधा क्या , उससे अधिक दूध एक ही बार में सोख ली । 🤭😅 फिर प्रशांत के तरफ ग्लास बढ़ा दी । प्रशांत को भी मजबूरी में दूध पीना पड़ा ।
फिर दोनों सो गए । प्रशांत अपने कमरे के बाहर बालकनी में सोने चला गया और प्रतीक्षा अपने बेड पर , यानी की प्रशांत के कमरे में सो गई ।
अगले दिन
प्रतीक्षा की जब नींद खुली , तो वो घड़ी में टाइम देखी । अभी सुबह के 4:30 हो रहे थे । प्रतीक्षा समय देख कर , फिर से सो गई । तभी उसे याद आया कि , वो तो अपने ससुराल में है , अपने घर नहीं है । ये याद आते वो झट से बेड पर उठ के बैठ गई । वो खुद से कह रही थी — क्या मुसिबत हैं यार ये ... क्या ससुराल में मैं , मैके जैसे नहीं रह सकती हूँ ?! ये कह वो अपना नीचे वाला होठ बाहर निकाल कर कमरे में चारों तरफ देखने लगी , तभी उसे याद आया कि आज उसे , कुछ रस्में भी करनी है , जो बाकी है । वह फटाफट आंख मसलते हुए बेड से उठी और लड़खड़ाते हुए अपना कपड़ा लेकर सीधा वॉशरूम में घुस गई ।
क्रमश: