अब तक आपने देखा
ये कह प्रतिक्षा अपना नीचे वाला होठ बाहर निकाल कर कमरे में चारों तरफ देखने लगी , तभी उसे याद आया कि आज उसे , कुछ रस्में भी करनी है , जो बाकी है । वह फटाफट आंख मसलते हुए बेड से उठी और लड़खड़ाते हुए अपना कपड़ा लेकर सीधा वॉशरूम में घुस गई ।
अब आगे
लगफग 30 मिनट में बॉथरूम से बाहर आयी । प्रतिक्षा आज लाइट पिंक कलर की पहनी हुई थी । जिसमें वह बहुत सुंदर दिख रही थी । ( 😀 प्रतीक्षा को और कुछ उतना अच्छा से नहीं आता है , जितना कि उसे साड़ी पहनने आती है और उसकी बॉडी स्लिम है तो , साड़ी काफी सुंदर भी लगती है उस पर । )
प्रतीक्षा बाथरूम से निकलकर ड्रेसिंग टेबल के पास आई और मिरर के सामने बैठ गई । सबसे पहले उसने अपना बाल हेयरड्रायर से सुखाया । फिर बाल को झाड़ कर सिंदूर लगाई , माथे पर पिंक कलर की बिंदी लगाई और उसके नीचे छोटी सी व्हाइट कलर की स्टोन की बिंदी लगा ली । उसके बाद नेलपेंट करी , गोल्डन और पिंक कलर की मींक्स चुड़ी पहनी और फिर लिपस्टिक , आइनाइनर , और काजल लगाई । अब जब वह पूरी तरह से रेडी हो गई , तो वह एक नजर प्रशांत पर डाली , जो अभी कुछ देर पहले ही रूम में आकर सो गया था । प्रतीक्षा प्रशांत को सोते हुए देख कर , मुस्कुराई और जैसे ही उसने डोर ओपन करना चाहा , तभी उसके डोर पर नॉक हुआ और उधर से उसकी सासू मां , उसे आवाज दी — बेटा प्रतीक्षा तुम जाग रही हो ?
प्रतीक्षा दरवाजा खोलते हुए बोली — जी माँ और प्रतिक्षा इतना कहकर उनका पैर छू कर उनसे आशीर्वाद ली , प्रतिक्षा की सासू मां भी बदले में उसको सर पर प्यार हाथ रख कर , उसे हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद दी और जब वो प्रतिक्षा को बिना किसी के मदद लिये बिना ही , इतना अच्छा ढंग से तैयार देखी तो वो उसकी तारीफ करते हुए बोली — अरे वाह ! बेटा तुम तो , बहुत अच्छे से तैयार हुई हो और साड़ी तो तुम बहुत अच्छे से पहन ली हो , बिना किसी की मदद के लिए हुए ही । फिर वह मुस्कुराते हुए प्रतीक्षा को अपने नजदीक लाते हुए बोली — इधर आओ बेटा , मैं तुम्हें पहले काजल का टीका लगा दू , और वह इतना कहकर ड्रेसिंग टेबल से , काजल लेकर , प्रतीक्षा के कान के पीछे , एक छोटा सा काजल का टीका लगा दी ।
प्रतीक्षा के अंदर जो पहले थोड़ा सा डर था । " सास " नाम से , वो कम हो गया था । उसे प्रशांत के मां में , अपनी मां की छवि देख रही थी इस समय ।
प्रतीक्षा अपनी सासू मां को उसका इतना केयर करते देख कर , उसे अपनी माँ की याद आ गयी और उसकी आँखे भींग गई । जिससे वो कुछ बोल नहीं पाई , सिर्फ मुस्कुरा कर रह गई ।
कुछ देर बाद प्रशांत की मां प्रतीक्षा को लेकर किचन में चली गई और उससे बोली आज चुल्हा पूजन की रस्म तुम्हे करनी हैं । तुम कोई मीठा चीज बना लो , जो तुम्हें पसंद आये और फिर वो प्रतिक्षा को बता दि कि कौन चीज कहां हैं और बाहर चली गयी , ये कह कर की , मेरी जब जरूरत हो तो बुला लेना । हिचकिचाना नहीं ... मैं यहीं हॉल में हूँ । ठीक है ना ...
क्रमश: